किसी की मौत हो जाने पर आधार और पैन कार्ड का क्या होता है? क्या इसे बंद करवाना पड़ता है
क्या आपने कभी सोचा कि अगर कोई शख्स मर जाए तो उसके आधार कार्ड या फिर पेन कार्ड का क्या होगा? आइए आपको बताते हैं और दूर करते हैं आपके मन में उठ रहे इस तरह के सवालों को.

आधार कार्ड और पैन कार्ड ये दोनो ही काफी जरूरी दस्तावेज होते हैं. सरकार ने लगभग हर सरकारी सुविधाओं के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य किया हुआ है. ऐसे में हर शख्स के लिए आधार कार्ड और बैंक के काम करने के लिए पेन कार्ड होना जरूरी है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि अगर कोई शख्स मर जाए तो उसके आधार कार्ड या फिर पेन कार्ड का क्या होगा? आइए आपको बताते हैं और दूर करते हैं आपके मन में उठ रहे इस तरह के सवालों को.
मरने के बाद कहां जाता है आधार कार्ड
आपको बता दें कि जब कोई शख्स मर जाता है तो उसके आधार कार्ड को निरस्त करने की ऐसी कोई प्रक्रिया है नहीं. लेकिन फिर भी मरने वाले शख्स के दस्तावेजों का सही निष्कर्ष और प्रबंधन बेहद जरूरी हो जाता है. हालांकि ऐसी कोई खास प्रक्रिया आधार कार्ड को रद्द कराने की है नहीं, लेकिन फिर भी अगर परिवारजन चाहें तो मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर उसे यूएडीएआई को सुपुर्द कर सकते हैं जिसके आधार पर वो मृतक के आधार कार्ड को निरस्त करके उसे सेवा से हटा सकते हैं. ऐसा परिवारजनों के कहने और सूचना देने के बाद ही संभव हो पाता है.
मृतक के पैन कार्ड का क्या होगा
अगर किसी इंसान का निधन हो जाए, तो उसके पैन कार्ड को लेकर कुछ जरूरी प्रक्रियाएं होती हैं जिसके चलते आप मृतक का पैन कार्ड सरेंडर करा सकते हैं. जी हां, पैन कार्ड खुद से कैंसिल नहीं होता, बल्कि इसे बंद (Surrender) करने की एक प्रक्रिया होती है. पैन कार्ड को टैक्स से जुड़े कामों में तब तक इस्तेमाल किया जाता है, जब तक व्यक्ति का अंतिम आयकर रिटर्न (ITR) फाइल नहीं हो जाता. लेकिन अगर किसी शख्स की मृत्यु हो चुकी हो तो मृतक के नॉमिनी या परिवार वाले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को इसकी सूचना देकर पैन कार्ड सरेंडर करा सकते हैं. आपको बता दें कि मृतक का पैन कार्ड इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. हालांकि कुछ स्थितियों में जैसे बकाया लोन या फिर आयकर रिटर्न में नॉमिनी इसका उपयोग कर सकते हैं.
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