Pakistan Bangladesh Alliance: पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बढ़ रही दोस्ती, क्या दोनों मिलकर कर सकते हैं भारत का मुकाबला?
Pakistan Bangladesh Alliance: पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच दोस्ती फिर से बढ़ने लगी है. आइए जानते हैं कि इस दोस्ती का भारत पर क्या असर पड़ सकता है और क्या यह भारत के लिए चिंता की बात है या नहीं.

Pakistan Bangladesh Alliance: 1971 के युद्ध के 54 साल बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश एक बार फिर से करीब आ रहे हैं. दरअसल पाकिस्तान के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद मिर्जा की हालिया ढाका यात्रा ने दक्षिण एशिया में चर्चाओं को एक बार फिर से हवा दे दी है. जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार चला रहे मोहम्मद यूनुस के साथ मुलाकात की. पाकिस्तान और बांग्लादेश की इस बढ़ती दोस्ती का असर भारत के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है या नही? आइए जानते हैं.
भारत के लिए क्यों है मुश्किल
कुछ रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने बांग्लादेशी सैनिकों को प्रशिक्षण देने और सैन्य अभ्यास करने का प्रस्ताव रखा था. इसी के साथ पाकिस्तान के अमन 25 में बांग्लादेशी नौसेना ने भाग लिया था. इसी बीच घुसपैठ की बढ़ती समस्याओं और अनसुलझे तीस्ता जल विवाद की वजह के साथ-साथ हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की बार-बार होने वाली घटना के कारण भारत और बांग्लादेश के संबंध तनावपूर्ण हो चुके हैं. अब पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच रक्षा सहयोग बढ़ने से भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो सकता है खासकर सिलीगुड़ी कॉरिडोर के पास.
क्या है इस दोस्ती की वजह
अगस्त 2024 में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश की विदेश नीति में काफी बदलाव आया है. शेख हसीना जिन्हें भारत की सबसे मजबूत सहयोगी माना जाता था अपने पद से हटाने के बाद भारत में शरण लेने के लिए आई. मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली नई अंतरिम सरकार ने इस्लामाबाद और बीजिंग के साथ बातचीत करते हुए नई दिल्ली से दूरी बनाने की कोशिश की.
दूसरी तरफ पाकिस्तान भी लंबे समय से बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को ठीक करने की कोशिश कर रहा है और ढाका को भारत के क्षेत्रीय प्रभुत्व को संतुलित करने के लिए एक बड़े साझेदार के रूप में देख रहा है. इसीलिए फरवरी 2025 में दोनों देशों के बीच 1971 के बाद पहली बार सीधा व्यापार शुरू हुआ. व्यापार और निवेश को बढ़ाने के लिए 6 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे. यानी कि सीधे तौर पर रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए आर्थिक समझौते, सैन्य सहयोग और सीधे व्यापार के साथ-साथ हवाई संपर्क को फिर से शुरू किया गया.
भारत के लिए चुनौतियां
पाकिस्तान और बांग्लादेश की यह बढ़ती मित्रता भारत के लिए कई चुनौतियां पेश करती है. पाकिस्तान और बांग्लादेश के मजबूत रक्षा सहयोग भारत की पूर्वी और पश्चिमी दोनों सीमाओं पर सुरक्षा पर काफी ज्यादा दबाव डाल सकते हैं. इसी के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास की संभावना सिलीगुड़ी कॉरिडोर के पास कोऑर्डिनेटिड एक्टिविटी के जोखिम को बढ़ाती है.
इतना ही नहीं बल्कि अगर बांग्लादेश चीन के बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव का हिस्सा बनता है तो भारत को बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में आर्थिक और कूटनीतिक मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
क्या पाकिस्तान और बांग्लादेश भारत का मुकाबला कर सकते हैं
इन सभी चिंताओं के बावजूद पाकिस्तान और बांग्लादेश द्वारा भारत का संयुक्त रूप से मुकाबला करने का विचार अभी वास्तविकता से काफी दूर है. दोनों देशों के बीच हजारों किलोमीटर का भारतीय भूभाग है जिससे सीधा सैन्य सहयोग लगभग असंभव ही नजर आता है. इसी के साथ सैन्य शक्ति और एडवांस्ड डिफेंस टेक्नोलॉजी के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय साझेदारियां भारत को एक मजबूत देश बनाती हैं. वहीं पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों ही आर्थिक बाधाओं का सामना कर रहे हैं.
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Source: IOCL
























