Foreign Lawsuit In India: क्या फ्रांस के राष्ट्रपति की तरह कोई भारत में भी दर्ज करा सकता है मुकदमा, अमेरिका में दर्ज कराया मानहानि का केस
Foreign Lawsuit In India: इमैनुएल मैक्रों की पत्नी ने अमेरिकी कोर्ट में मानहानि का एक मुकदमा दर्ज कराया है. आइए जानते हैं कि क्या भारत में भी कोई विदेशी नागरिक इस तरह से मुकदमा दर्ज कर सकता है.

Foreign Lawsuit In India: हाल ही में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की पत्नी ब्रिजिड मैक्रों ने एक अमेरिकी कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है. उन्होंने कैंडेस ओवेन्स के खिलाफ यह मुकदमा दर्ज किया है. कैंडेस एक राइट विंग अमेरिकी पॉडकास्टर हैं. ओवेंस का आरोप था कि ब्रिजिड ट्रांसजेंडर हैं और उनका जन्म पुरुष के रूप में हुआ था. लेकिन बाद में उन्होंने अपने जेंडर को बदल लिया. इसी के साथ अपने जेंडर को साबित करने के लिए ब्रिजिड वैज्ञानिक और फोटोग्राफी सबूत को पेश करेंगी. इस हाई प्रोफाइल मामले के बाद एक और कानूनी सवाल खड़ा होता है कि क्या कोई विदेशी नागरिक भारत में इसी तरह का मुकदमा दायर कर सकता है या नहीं.
ब्रिजिड मैक्रों पर लगे आरोप
ब्रिजिड के जेंडर के बारे में दावे मानहानि के मामले का आधार है. ब्रिजिड का कहना है कि यह सभी आप झूठे हैं और इन्हें मानहानि माना जाता है. ब्रिजिड अपनी पहली शादी से तीन बच्चों की मां है और 2017 में इमैनुएल के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से इन बातों का सामना कर रही हैं.
भारत में मानहानि का मुकदमा
आपको बता दें कि भारत में मानहानि भारतीय न्याय संहिता की धारा 356 के अंतर्गत एक आपराधिक और सिविल अपराध है. कुछ शर्तों के तहत विदेशी नागरिक भी भारत में मुकदमों को दर्ज कर सकते हैं. इसमें शर्तें कुछ यूं है कि जिस भी तरीके से मानहानि की गई है वह सामग्री भारत में होनी चाहिए या फिर भारत में छपी होनी चाहिए, जिससे देश में किसी भी व्यक्ति के मान को नुकसान हो. यदि मानहानिकारक सामग्री भारत पहुंचती है या भारत में किसी आदमी के मान प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचती है तो भारतीय अदालतें आम तौर पर नियंत्रण रखने का अधिकार रखती है.
इसी के साथ यदि कोई विदेशी नागरिक मानहानि के नुकसान का सबूत देता है, तो वह भारतीय सिविल कोर्ट में नुकसान की भरपाई की मांग कर सकता है. इसी के साथ में भारत में मौजूद प्रकाशन, सोशल मीडिया पोस्ट या फिर डिजिटल सामग्री जैसे सबूत उसके दावे को और मजबूत कर सकते हैं.
यह अमेरिकी मामले से कैसे अलग है
अमेरिका में ब्रिजिड ने क्षेत्र अधिकार वाली अदालत में मुकदमे को दर्ज किया है क्योंकि कथित तौर पर मानहानि वहीं हुई है. इसी तरह भारत में भी विदेशी नागरिकों को इस बात का सबूत देना होगा की मानहानि की वजह से भारत में उस इंसान को नुकसान हुआ है. यहां प्रक्रिया थोड़ी जटिल हो सकती है क्योंकि भारतीय अदालत को लिखित बयान, पहचान का सत्यापन और भारत में पब्लिशिंग और सरकुलेशन का सबूत चाहिए होगा.
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Source: IOCL





















