क्या वाकई तूफान आने से पहले छा जाता है सन्नाटा? इसके पीछे का विज्ञान जान लीजिए
Calm Before The Storm: तूफान के पहले का सन्नाटा, यह कहावत तो सुनी ही होगी. लेकिन क्या आपको पता है कि यह सिर्फ कहावत नहीं बल्कि सच है. तूफान आने से पहले सच में सन्नाटा होता है. चलिए जानते हैं.

आपने कई बार फिल्मों और टीवी में यह कहावत सुनी होगी कि तूफान आने से पहले सन्नाटा छा जाता है. फिल्मों में तो कहावत इतनी मशहूर है कि जब भी हीरो विलेन से लड़ने के लिए जाता है तो इस तरह का डायलॉग इस्तेमाल करता है. लेकिन क्या कभी यह सोचा कि यह कहावत सच है या फिर सिर्फ यूं ही कही जाती है. क्या इस कहावत के पीछे कोई साइंस भी है. चलिए जानते हैं…
क्या है इसके पीछे का साइंस
हिंदी की कहावत तूफान से पहले की शांति सिर्फ कहावत नहीं है, बल्कि इसके पीछे साइंस भी है. यह साइंस हवा के दबाव पर निर्भर करता है, इसकी वजह से किसी भी तूफान के आने से पहले सन्नाटा छा जाता है. विज्ञान की मानें तो यह पैटर्न हर बार तूफान से पहले लागू नहीं होता है. यह स्थिति सिर्फ उस समय बनती है, जब तूफान हवा से नमी खींच रहा होता है. दरअसल तूफान आने से पहले हवा की स्पीड कम हो जाती है और हवा में बदलाव आता है.
बादलों की स्पीड में भी बदलाव
तूफान आने से पहले बादल अपनी स्पीड बदल लेते हैं और पूरे आकाश को ढंक लेते हैं, जिससे कि साउंड में भी बदलाव आता है और सन्नाटे जैसा महसूस होता है. तूफान की वजह से सामने कम दबाव वाला क्षेत्र बनता है, जिससे कि हवा रुक जाती है. तूफान से पहले बादल ठंडी हवा खींच लेते हैं, इससे भी हवा में सन्नाटा होता है. इसके अलावा हवाएं बहुत तेज स्पीड में नहीं चलती हैं, जिससे कि आसपास शांत वातावरण होता है. हालांकि हर बार तूफान से पहले शांति नहीं होती है, कई बार बिना शांति के भी तूफान आ जाता है.
हवा और तूफान के पीछे का साइंस
तूफान के पहले हवा धीमी हो जाती है और इसकी स्थिति में बदलाव होता है. तूफान को गर्म हवा और नमी की जरूरत होती है. ऐसे में ये तूफान बादलों के जरिए आसपास के वातावरण से गर्म और नम हवाएं खींचते हैं. ये हवाएं अपने पीछे कम दबाव छोड़ती हैं, इससे भी सन्नाटा महसूस हो सकता है.
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Source: IOCL























