कैबिनेट मंत्री से कितना बड़ा होता है डिप्टी सीएम का पद? जानें क्या होती है पावर
आम तौर पर डिप्टी सीएम का पद राज्य सरकारों द्वारा राजनीतिक समीकरणों को साधने के लिए किया जाता है. मुख्यमंत्री से नीचे डिप्टी सीएम को अहम मंत्रालयों को प्रभार दिया जाता है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जबरदस्त जीत के बाद सरकार का भी गठन हो गया. पहली बार विधायक बनीं बीजेपी नेता रेखा गुप्ता ने दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री के पद पर शपथ ली. उनके साथ 6 विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली, जिसमें सबसे बड़ा नाम प्रवेश वर्मा का है.
पहले खबर थी कि रेखा गुप्ता की कैबिनेट में प्रवेश वर्मा को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है. हालांकि, ऐसा कुछ नहीं हुआ और प्रवेश वर्मा ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की. अब सवाल यह है कि कैबिनेट मंत्री से डिप्टी सीएम का पद कितना बड़ा होता है? उसकी पॉवर क्या होती है? वहीं, क्या डिप्टी सीएम की शपथ भी कैबिनेट मंत्री से अलग होती है? आइए जानते हैं...
क्या संविधान में है डिप्टी सीएम का जिक्र?
भारतीय संविधान के आर्टिकल 163ए के मुताबिक, राज्यपाल के कार्यों के निष्पादन में सलाह व सहायता के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एक मंत्री परिषद होगा. वहीं, आर्टिकल 164 में मंत्री परिषद के गठन से जुड़े नियम बताए गए हैं. इसमें कहीं भी डिप्टी सीएम पद का जिक्र नहीं है. संविधान के इन दोनों आर्टिकल में कहा गया है कि मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करेंगे, वहीं मंत्रियों की नियुक्ति मुख्यमंत्री की सलाह पर राज्यपाल द्वारा की जाएगी. यानी आर्टिकल में कहीं भी नहीं किया गया है कि राज्य में मुख्यमंत्री पद के नीचे डिप्टी सीएम की नियुक्ति भी की जाएगी.
तो कैसे बनाए जाते हैं डिप्टी सीएम?
किसी भी राज्य में डिप्टी सीएम की नियुक्ति का संविधान में कहीं कोई नियम नहीं है. ऐसे में इनकी नियुक्ति प्रतीकात्मक होती है. आम तौर पर डिप्टी सीएम का पद राज्य सरकारों द्वारा राजनीतिक समीकरणों को साधने के लिए किया जाता है. मुख्यमंत्री से नीचे डिप्टी सीएम को अहम मंत्रालयों को प्रभार दिया जाता है. एक तरह से कह सकते हैं कि मुख्यमंत्री के बाद सबसे वरिष्ठ विधायक को डिप्टी सीएम बनाया जाता है.
क्या अलग होते हैं डिप्टी सीएम के अधिकार
जहां तक डिप्टी सीएम के वेतन, भत्ते और अधिकारों की बात है तो यह एक कैबिनेट मंत्री के समान ही होते हैं. डिप्टी सीएम अपने विभाग के प्रशासनिक कार्यों के लिए जिम्मेदार होते हैं, उन्हें मुख्यमंत्री की तरह विशिष्ट शक्तियां नहीं मिली होती हैं. यहां तक कि डिप्टी सीएम भी एक सामान्य मंत्री की तरह ही शपथ लेते हैं, उन्हें अलग से डिप्टी सीएम पद की शपथ नहीं दिलाई जाती है.
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Source: IOCL























