माउंट एवरेस्ट फतह करने के बाद क्या मिलता है? जानें कहां से लेनी होती है इजाजत
CISF Officer Climbed Mount Everest: क्या माउंट एवरेस्ट चढ़ने के बाद सिर्फ दुनिया में ग्लोरी ही मिलती है या कुछ और भी. माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने के लिए कहां से मिलती है परमिशन?

CISF Officer Scaled Mount Everest: दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करना किसी भी पर्वतारोही के लिए सपने के सच होने जैसा होता है. हाल ही में सीआईएसएफ़ की महिला सब-इंस्पेक्टर गीता समोटा ने 8,849 मीटर ऊंची इस पर्वतीय चोटी की सफल चढ़ाई पूरी की है. आपको बता दें 19 मई को गीता समोटा ने अपनी चढ़ाई पूरी की.
ऐसा करके वह माउंट एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करने वाली पहली सीआईएसएफ़ कर्मी बन गई हैं. कई लोगों के मन में सवाल आता है क्या एवरेस्ट चढ़ने के बाद सिर्फ दुनिया में ग्लोरी ही मिलती है या कुछ और भी. माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने के लिए कहां से मिलती है परमिशन. कैसे की जाती है यह चढ़ाई चलिए आपको बताते हैं इस बारे में पूरी जानकारी.
माउंट एवरेस्ट फतह करने के बाद क्या मिलता है?
माउंट एवरेस्ट दुनिया की सबसे ऊँची पर्वत चोटी है. जिसे फतह कर पाना आसान काम नहीं है. बहुत से लोग बहुत बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने का प्रयास करते हैं. लेकिन वह सफल नहीं हो पाते हैं. लेकिन जो लोग सफल हो जाते हैं. उनका नाम इतिहास में दर्ज हो जाता है. इतना ही नहीं माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले पर्वतारोहियों को बहुत से सम्मान भी दिए जाते हैं.
जिनमें नगद राशि भी शामिल होती है. बता दें भारत में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा जैसी राज्य नगद इनाम भी देते हैं. इसके अलावा बात की जाए तो न सिर्फ इन पर्वतारोहियों का नाम रिकॉर्ड बुक्स में बल्कि ट्रैकिंग क्लब्स में भी दर्ज होता है. अलग-अलग इवेंट्स पर भी इन्हें बतौर गेस्ट आमंत्रित किया जाता है. इसके साथ ही और सम्मान दिए जाते हैं.
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कहां से लेनी होती है परमिशन?
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई शुरू करने के लिए आपको पूरी प्रक्रिया का पालन करना होता है. परमिशन भी लेनी होती है. ऐसा नहीं है कि आपका मन में आया कि आपको माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करनी है और आप अपना बैग उठाकर निकल गए. आपको बता दें माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए एक वैलिड सर्टिफिकेट चाहिए होता है.
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अगर आप साउथ रूट से जा रहे हैं. तो आपको नेपाल सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से यह सर्टिफिकेट हासिल करना होता है. जिसके लिए तकरीबन 85000 भारतीय रुपये खर्च करने होते हैं. इसके अलावा अगर आप उत्तरी रूट यानी तिब्बत चीन की ओर से जा रहे हैं. तब आपको चीन तिब्बत माउंटेनियरिंग संगठन से परमिट लेना होता है.
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