China Artificial Sun: इतनी गर्मी पैदा कर सकता है चीन का नकली सूरज, जानें असली के मुकाबले कितना ताकतवर
China Artificial Sun: अब अगर आप सोच रहे हैं कि चीन ने जो सूरज बनाया है वो असली सूरज को टक्कर दे सकता है तो आप बिल्कुल गलत हैं. क्योंकि हमारे सूरज के सामने कोई भी चीज नहीं टिक सकती है.

China Artificial Sun: दुनिया के तमाम बड़े देश कुछ न कुछ ऐसे प्रयोग करने में जुटे होते हैं, जो सुनने में लगभग नामुमकिन से लगते हैं. कई बार ये प्रयोग इंसानियत के लिए बड़ा खतरा भी साबित हो जाते हैं. चीन ऐसे देशों की फेहरिस्त में सबसे आगे होता है. जिस पर कोरोना जैसे खतरनाक वायरस को जन्म देने का आरोप लगता है. अब चीन ने एक और कमाल किया है, जिसमें उसने अपना खुद का सूरज तैयार कर लिया है, भले ही आपको इस बात पर यकीन नहीं हो रहा हो, लेकिन वाकई धरती पर दूसरा सूरज उग चुका है.
इतनी गर्मी पैदा कर सकता है चीन का सूरज
दुनियाभर में सवेरा लाने वाले सूरज को हर कोई जानता है, सब ये भी जानते हैं कि ये एक आग का गोला है जो इतनी गर्मी पैदा कर सकता है कि कोई भी पास जाते ही झुलस जाए. लेकिन चीन ने जो नकली सूरज बनाया है, उसकी गर्मी भी कम नहीं है. इस नकली सूरज ने एक हजार सेकेंड तक 100 मिलियन डिग्री सेल्सियस की गर्मी पैदा की, जिससे पूरी दुनिया हैरान है. हालांकि इससे पहले भी चीन इसी सूरज के साथ ऐसा कर चुका है, लेकिन तब ये गर्मी महज 403 सेकेंड तक ही थी. चीन के इस सूरज का नाम एक्सपेरिमेंटल एडवांस्ड सुपरकंडक्टिंग टोकामक फ्यूजन एनर्जी रिएक्टर है.
ये है असली सूरज की ताकत
अब अगर आप सोच रहे हैं कि चीन ने जो सूरज बनाया है वो असली सूरज को टक्कर दे सकता है तो आप बिल्कुल गलत हैं. क्योंकि हमारे सूरज के सामने कोई भी चीज नहीं टिक सकती है. ये पृथ्वी से 13 लाख गुना बड़ा है. यानी सूरज हमारी धरती के आकार के 13 लाख ग्रह एक साथ निगल सकता है. धरती से सूरज की दूरी करीब 15 करोड़ किमी की है, इसके बावजूद इसकी तपन हमें महसूस होती है. यानी अगर कोई सूरज के पास जाने की कोशिश भी करेगा तो वो करोड़ों किलोमीटर दूर ही भस्म हो जाएगा. सूरज के वायुमंडल का तापमान 10 लाख डिग्री सेल्सियस तक हो सकता है. साथ ही इसके केंद्र का तापमान इससे कई गुना ज्यादा है.
अब चीन के वैज्ञानिकों की इस बात को लेकर तारीफ जरूर करनी होगी कि उन्होंने सूरज से कई गुना छोटे अपने नकली सूर्य से 100 मिलियन डिग्री सेल्सियस की गर्मी पैदा करने का दावा किया है. बता दें कि चीन इस प्रोजेक्ट पर साल 2006 से काम कर रहा है.
किस काम आएगा ये नकली सूरज?
दरअसल दुनियाभर के वैज्ञानिक ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए इसके विकल्प तलाश कर रहे हैं, इसके लिए न्यूक्लियर फ्यूजन बनाने पर काम चल रहा है. हालांकि चीन के वैज्ञानिकों ने इसे सच किया है और वो इसके बेहद करीब पहुंच चुके हैं. अब उस स्टेज का इंतजार है जब न्यूक्लियर फ्यूजन अपनी ऊर्जा खुद बनाने लग जाए. इसे किसी भी रिएक्टर का इग्निशन हासिल करना कहा जाता है.
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Source: IOCL






















