पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हैं ये मुस्लिम, क्या CAA के तहत इन्हें मिलेगा भारत में बसने का मौका?
भारत ने नागरिकता संशोधन कानून के तहत हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी शामिल हैं, लेकिन क्या पाकिस्तान में गैर मुस्लिम कहे जाने वाल अहमदिया मुस्लिम इसके दायरे में आ सकते हैं?

भारत में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला किया है. सरकार ने आप्रवास और विदेशियों विषयक अधिनियम, 2025 के तहत एक अधिसूचना जारी की है. इसमें कहा गया है कि 31 दिसंबर, 2024 तक भारत में दाखिल हो चुके पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को डिपोर्ट नहीं किया जाएगा और उन्हें भारत में रहने की इजाजत मिल जाएगी. हालांकि, यह छूट अवैध रूप से भारत में आए मुस्लिमों पर लागू नहीं होगी, यानी अवैध प्रवासी मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई का रास्ता अभी भी खुला है.
नया नियम भारत में अवैध रूप से रह रहे अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के बारे में नहीं है, बल्कि उन्हें डिपोर्टेशन से सुरक्षा प्रदान करता है. इस कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी समुदाय के लोग इसका लाभ ले सकते हैं. हालांकि, अहम सवाल यह है कि पाकिस्तान के अहमदिया मुस्लिम जिन्हें वहां गैर मुस्लिम माना जाता है, क्या वह भी इसके दायरे में आ सकते हैं...?
CAA किन पर लागू होता है?
नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी CAA उन शरणार्थियों को राहत देने के लिए लाया गया था, जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न झेलकर भारत आए हैं. इसमें हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है. मकसद यह था कि इन देशों में धार्मिक अल्पसंख्यक के तौर पर जी रहे लोग भारत आकर सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन बिता सकें. इस कानून में मुस्लिम समुदाय को शामिल नहीं किया गया है. क्योंकि इन तीनों देशों में इस्लाम बहुसंख्यक धर्म है. इसलिए वहां मुस्लिमों को धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने की संभावना नहीं मानी गई है.
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क्या अहमदिया मुस्लिम को मिलेगा अधिकार?
पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिमों को गैर मुस्लिम माना जाता है. वहां उन्हें आधिकारिक तौर पर मुस्लिम मानने से इनकार किया गया है. अहमदिया समुदाय पर पाकिस्तान में लंबे समय से सामाजिक और धार्मिक भेदभाव किए जा रहे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यही उठता है कि जब पाकिस्तान में उन्हें गैर मुस्लिम माना जाता है.
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तो क्या भारत का CAA उन्हें भी शामिल करेगा. लेकिन आपको बता दें फिलहाल कानून में अहमदिया मुसलमानों का जिक्र नहीं है. कानून साफ कहता है कि यह एक्ट केवल छह धर्मों के लोगों के लिए है. इसलिए अहमदिया मुस्लिम और भले ही पाकिस्तान में अल्पसंख्यक स्थिति में हों यह CAA के दायरे में नहीं आते.
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