Ram mandir Flag Hoisting: इस लकड़ी से बने हैं राम मंदिर के दरवाजे, जानें आज इसकी कीमत कितनी?
राम मंदिर को भव्यता और कलाकारी के साथ बनाया गया है. मंदिर की दीवारों पर देवी देवताओं और भगवानों की आकृतियां उकेरी गई है. वहीं राम मंदिर में कुल 46 दरवाजे हैं, जिनमें कई पर सोने की परत चढ़ाई गई है.

Ayodhya Ram Mandir Dhwajarohan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर भगवा धर्म ध्वजारोहण करेंगे. यह ध्वजारोहण श्री राम और मां सीता की विवाह पंचमी के अभिजीत मुहूर्त में होगा. राम मंदिर के लिए तैयार यह ध्वज 22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा है. वहीं इस ध्वज के माध्यम से मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने का संदेश दिया जाएगा. ध्वजारोहण के कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ सहित हजारों लोग मौजूद रहेंगे. वहीं अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को एक भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान किया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही इस दिन मंदिर का उद्घाटन किया था. राम मंदिर के उद्घाटन से लेकर अब तक राम मंदिर किन चीजों से बना है इसकी चर्चा अक्सर होती रही है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताएंगे कि राम मंदिर के दरवाजे किस लकड़ी से बने हैं और आज इस लकड़ी की कीमत क्या है.
किस लकड़ी से बना है राम मंदिर?
राम मंदिर को भव्यता और कलाकारी के साथ बनाया गया है. मंदिर की दीवारों पर देवी देवताओं और भगवानों की आकृतियां उकेरी गई है. राम मंदिर को बनाने के लिए मकराना मार्बल्स का इस्तेमाल किया गया है. वहीं राम मंदिर में कुल 46 दरवाजे हैं, जिनमें कई पर सोने की परत चढ़ाई गई है. इन दरवाजों पर सोने की खूबसूरत कलाकृतियां भी बनाई गई है. सभी दरवाजे महाराष्ट्र से आई सागौन की लकड़ी से तैयार किए गए हैं. सागौन की लकड़ी अपनी मजबूती और टिकाऊपन के लिए जानी जाती है और इसकी कीमत 50 हजार रुपये से लेकर 1 लाख रुपये प्रति घन मीटर तक होती है. देहरादून स्थित फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ने इस लकड़ी के इस्तेमाल की सलाह दी थी. इसके बाद महाराष्ट्र के टीक वुड को सबसे मजबूत लकड़ी मानते हुए मंदिर के दरवाजों के लिए इसे चुना गया था.
1000 साल तक टिक सकते हैं सागौन के दरवाजे
राम मंदिर में कुल 46 दरवाजे लगे हैं. इनमें से कई दरवाजों पर सोने की परत चढ़ाई गई है. वहीं राम मंदिर के दरवाजों की ऊंचाई 12 फीट और चौड़ाई 8 फिट है इसके अलावा राम मंदिर के दरवाजोंं और दीवारों पर महाराष्ट्र, हैदराबाद और कन्याकुमारी के कारीगरों ने बेहतरीन नक्काशी का काम किया है. बताया जाता है कि सागौन की लकड़ी से बने राम मंदिर के दरवाजे लगभग 1000 साल तक टिक सकते हैं. लकड़ी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए केवल 20 प्रतिशत चुनी गए लकड़ी को मंदिर के निर्माण में इस्तेमाल किया गया है. यह लकड़ी मौसम और दीमक का असर नहीं लेती और लंबे समय तक अपनी मजबूती बनाए रखती हैं.
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Source: IOCL























