एक्सप्लोरर

क्या न्यूक्लियर टेस्ट करने से अमेरिका को रोक नहीं सकता कोई देश, जानें इसके खिलाफ कहां की जा सकती है शिकायत?

Nuclear Testing America: क्या अमेरिका के न्यूक्लियर टेस्ट पर कोई भी देश अकेले रोक नहीं लगा सकता है. अंतरराष्ट्रीय मंचों और संधियों के जरिए ही इसका विरोध संभव है, लेकिन असर पूरी तरह राजनीतिक दबाव पर निर्भर करता है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में देश की परमाणु हथियार प्रणाली के कुछ नए परीक्षणों को मंजूरी दी है. वहीं, अमेरिकी ऊर्जा विभाग के प्रमुख क्रिस राइट ने स्पष्ट किया कि इन परीक्षणों में फिलहाल किसी भी तरह का परमाणु विस्फोट शामिल नहीं होगा. अगर वाकई अमेरिका अचानक कोई नया न्यूक्लियर टेस्ट करे, तो क्या दुनिया में कोई भी देश उसे रोक नहीं सकता है? यह सवाल जितना सीधा लगता है, उतना ही जटिल है. 

अंतरराष्ट्रीय कानून, संधियां और निगरानी संस्थाएं मौजूद हैं, लेकिन क्या वे अमेरिका जैसी महाशक्ति के कदम पर सच में प्रभाव डाल सकती हैं? कहीं ऐसा तो नहीं कि वैश्विक स्तर पर नियम सिर्फ कागज पर ही रह जाएं? आइए जानते हैं कि कौन-कौन से रास्ते हैं, और किस मंच पर कोई देश अमेरिका के परमाणु परीक्षण के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकता है.

बड़ा मुद्दा है न्यूक्लियर टेस्ट 

नाभिकीय परीक्षण यानी न्यूक्लियर टेस्ट हमेशा से अंतरराष्ट्रीय राजनीति का सबसे संवेदनशील मुद्दा रहे हैं. अमेरिका जैसे देश, जिनके पास दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य शक्ति है, यदि कोई नया परमाणु परीक्षण करता है, तो उसे रोक पाना किसी एक देश के लिए लगभग असंभव है. इसका कारण बहुत सी राजनीतिक और कानूनी वजहों में छिपा है.

कौन इसपर लगाता है रोक

सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि हर देश अपनी संप्रभुता के अधिकार के तहत यह तय कर सकता है कि उसके क्षेत्र में क्या होगा. अंतरराष्ट्रीय कानून और संधियां जैसे Comprehensive Nuclear-Test-Ban Treaty (CTBT) ने सभी प्रकार के परमाणु परीक्षण पर रोक लगाने की कोशिश की है. CTBT के तहत 1996 से यह प्रतिबंध लागू है और CTBTO Preparatory Commission इसके मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग का काम करती है. इस संस्था के पास दुनिया भर के टेस्ट डिटेक्शन सेंसर मौजूद हैं, जो किसी भी परमाणु धमाके का पता लगाने में सक्षम हैं.

लेकिन CTBT पूरी तरह से लागू नहीं है, क्योंकि इसके कुछ मुख्य सदस्य देशों की रैटीफिकेशन अभी बाकी है. इसका मतलब यह हुआ कि तकनीकी निगरानी तो होती है, लेकिन स्वचालित रूप से कोई सजा थोपना संभव नहीं है. अमेरिका जैसी महाशक्ति पर यह तंत्र सीधे प्रभाव नहीं डाल सकता है.

कहां कर सकते हैं शिकायत?

अगर कोई देश अमेरिका के टेस्ट के खिलाफ आवाज उठाना चाहता है, तो उसके पास कुछ अंतरराष्ट्रीय मंच हैं. पहला और सबसे अहम है संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC). अगर किसी देश या समूह को लगता है कि यह परीक्षण वैश्विक शांति के लिए खतरा है, तो UNSC में मामला उठाया जा सकता है. यहां पर निंदा, प्रतिबंध और अन्य राजनैतिक कदम उठाए जा सकते हैं, लेकिन सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों के वीटो का असर हमेशा मौजूद रहता है.

दूसरा विकल्प संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) है. यहां कोई भी देश गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव के रूप में अमेरिका के कदम की आलोचना कर सकता है. साथ ही महासभा सलाह के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) का रुख भी कर सकती है. हालांकि ICJ का काम अक्सर सलाह-मशवरा या विवाद के लिए दोनों पक्षों की सहमति पर निर्भर करता है.

इसके अलावा, IAEA और अन्य अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण या मानवाधिकार संस्थाएं भी इस मामले को उजागर कर सकती हैं. वे सीधे रोक नहीं सकतीं, लेकिन रिपोर्टिंग और वैश्विक ध्यान आकर्षित करके दबाव बना सकती हैं. मतलब किसी भी देश के लिए अकेले अमेरिका को रोकना नामुमकिन है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है, निगरानी संस्थाओं को सूचना दी जा सकती है, और UNSC/UNGA/ICJ जैसे मंचों पर मामला उठाया जा सकता है. लेकिन अंततः प्रभाव राजनीतिक दबाव, आर्थिक कदम और कूटनीतिक प्रयासों पर निर्भर करता है.

यह भी पढ़ें: अगर दो पार्टियों को बराबर आती हैं सीटें तो कैसे बनेगी सरकार? जानिए कितना महत्वपूर्ण है राज्यपाल का रोल

About the author निधि पाल

निधि पाल को पत्रकारिता में छह साल का तजुर्बा है. लखनऊ से जर्नलिज्म की पढ़ाई पूरी करने के बाद इन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत भी नवाबों के शहर से की थी. लखनऊ में करीब एक साल तक लिखने की कला सीखने के बाद ये हैदराबाद के ईटीवी भारत संस्थान में पहुंचीं, जहां पर दो साल से ज्यादा वक्त तक काम करने के बाद नोएडा के अमर उजाला संस्थान में आ गईं. यहां पर मनोरंजन बीट पर खबरों की खिलाड़ी बनीं. खुद भी फिल्मों की शौकीन होने की वजह से ये अपने पाठकों को नई कहानियों से रूबरू कराती थीं.

अमर उजाला के साथ जुड़े होने के दौरान इनको एक्सचेंज फॉर मीडिया द्वारा 40 अंडर 40 अवॉर्ड भी मिल चुका है. अमर उजाला के बाद इन्होंने ज्वाइन किया न्यूज 24. न्यूज 24 में अपना दमखम दिखाने के बाद अब ये एबीपी न्यूज से जुड़ी हुई हैं. यहां पर वे जीके के सेक्शन में नित नई और हैरान करने वाली जानकारी देते हुए खबरें लिखती हैं. इनको न्यूज, मनोरंजन और जीके की खबरें लिखने का अनुभव है. न्यूज में डेली अपडेट रहने की वजह से ये जीके के लिए अगल एंगल्स की खोज करती हैं और अपने पाठकों को उससे रूबरू कराती हैं.

खबरों में रंग भरने के साथ-साथ निधि को किताबें पढ़ना, घूमना, पेंटिंग और अलग-अलग तरह का खाना बनाना बहुत पसंद है. जब ये कीबोर्ड पर उंगलियां नहीं चला रही होती हैं, तब ज्यादातर समय अपने शौक पूरे करने में ही बिताती हैं. निधि सोशल मीडिया पर भी अपडेट रहती हैं और हर दिन कुछ नया सीखने, जानने की कोशिश में लगी रहती हैं.

Read
और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

इंडिगो संकट में फिलहाल दखल देने से सुप्रीम कोर्ट ने मना किया, कहा- 'सरकार जरूरी कदम उठा रही है, उम्मीद है असर पड़ेगा'
इंडिगो संकट में फिलहाल दखल देने से सुप्रीम कोर्ट ने मना किया, कहा- 'सरकार जरूरी कदम उठा रही है, उम्मीद है असर पड़ेगा'
कोटा कलेक्ट्रेट और जयपुर हाई कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी, खाली कराए गए परिसर, अलर्ट पर पुलिस
कोटा कलेक्ट्रेट और जयपुर हाई कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी, खाली कराए गए परिसर, अलर्ट पर पुलिस
जब वंदे मातरम के 100 साल पूरे हुए थे तब संविधान का गला घोंट दिया गया था- संसद में पीएम मोदी का विपक्ष पर वार
जब वंदे मातरम के 100 साल पूरे हुए थे तब संविधान का गला घोंट दिया गया था- संसद में पीएम मोदी का विपक्ष पर वार
भारत–साउथ अफ्रीका ODI सीरीज में सबसे ज्यादा ‘डक’ वाले खिलाड़ी, आंकड़े कर देंगे हैरान
भारत–साउथ अफ्रीका ODI सीरीज में सबसे ज्यादा ‘डक’ वाले खिलाड़ी, आंकड़े कर देंगे हैरान
Advertisement

वीडियोज

Parliament Winter Session: Vande Mataram पर चर्चा के बीच किसका हालचाल पूछने लगे PM Modi? | BJP
Parliament Winter Session: '150वीं वर्षगांठ का साक्षी..., वंदे मातरम् की चर्चा पर बोले PM Modi |
Parliament Winter Session: लोकसभा में इंडिगो संकट को लेकर हंगामा | indigo crisis | ABP News
कच्छ में प्रशासन ने 100 बीघे जमीन पर बने अतिक्रमण पर चलाया बुलडोजर, करीब 250 करोड़ की थी संपत्ति
3500+ Flights Cancel! Indigo की गड़बड़ी या System Failure? Indian Aviation में बढ़ता Crisis
Advertisement

फोटो गैलरी

Advertisement
Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
इंडिगो संकट में फिलहाल दखल देने से सुप्रीम कोर्ट ने मना किया, कहा- 'सरकार जरूरी कदम उठा रही है, उम्मीद है असर पड़ेगा'
इंडिगो संकट में फिलहाल दखल देने से सुप्रीम कोर्ट ने मना किया, कहा- 'सरकार जरूरी कदम उठा रही है, उम्मीद है असर पड़ेगा'
कोटा कलेक्ट्रेट और जयपुर हाई कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी, खाली कराए गए परिसर, अलर्ट पर पुलिस
कोटा कलेक्ट्रेट और जयपुर हाई कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी, खाली कराए गए परिसर, अलर्ट पर पुलिस
जब वंदे मातरम के 100 साल पूरे हुए थे तब संविधान का गला घोंट दिया गया था- संसद में पीएम मोदी का विपक्ष पर वार
जब वंदे मातरम के 100 साल पूरे हुए थे तब संविधान का गला घोंट दिया गया था- संसद में पीएम मोदी का विपक्ष पर वार
भारत–साउथ अफ्रीका ODI सीरीज में सबसे ज्यादा ‘डक’ वाले खिलाड़ी, आंकड़े कर देंगे हैरान
भारत–साउथ अफ्रीका ODI सीरीज में सबसे ज्यादा ‘डक’ वाले खिलाड़ी, आंकड़े कर देंगे हैरान
Kaantha OTT Release Date: 'कांथा' की ओटीटी पर रिलीज डेट हुई कंफर्म, जानें-कब और कहां देख सकेंगे दुलकर सलमान की ये फिल्म
'कांथा' की ओटीटी पर रिलीज डेट हुई कंफर्म, जानें-कब और कहां देख सकेंगे ये फिल्म
बदायूं की पिंकी शर्मा ने बांके बिहारी से रचाई शादी, क्या ऐसी शादियों को भी मिलती है कानूनी मान्यता?
बदायूं की पिंकी शर्मा ने बांके बिहारी से रचाई शादी, क्या ऐसी शादियों को भी मिलती है कानूनी मान्यता?
Gum Swelling Treatment: मसूड़ों से आ रहा है खून या मुंह से बदबू? घर पर बनाएं ये देसी टूथपेस्ट
मसूड़ों से आ रहा है खून या मुंह से बदबू? घर पर बनाएं ये देसी टूथपेस्ट
शादी करते ही इन कपल्स को मिलते हैं 2.5 लाख रुपये, 90% लोगों को पता ही नहीं है ये स्कीम
शादी करते ही इन कपल्स को मिलते हैं 2.5 लाख रुपये, 90% लोगों को पता ही नहीं है ये स्कीम
Embed widget