कैसे बना AC हेलमेट और कैसे करता है काम, जानें किन-किन देशों में पहले से हो रहा इस्तेमाल?
एसी हेलमेट को ऐसे कर्मचारियों के लिए डिजाइन किया गया है, जो भरी धूप में बाहर रहकर काम करते हैं. इस हेलमेट से 10 से 15 डिग्री तक तापमान को कम किया जा सकता है. फिलहाल इसकी कीमत 13 हजार से 17 हजार तक है.

AC Helmet: गर्मी का मौसम शुरू ही हुआ है और पारा अभी से 40 डिग्री के पार जाना शुरू हो गया है. आने वाले दिनों में इससे भी ज्यादा भीषण गर्मी और लू चलने की संभावना है, जिससे सबसे ज्यादा खतरा ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को है. दरअसल, ट्रैफिक पुलिस के जवान कड़ी धूप में सड़क पर उतरते हैं और यातायात को सुगम बनाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. ऐसे में दिल्ली पुलिस अपने ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों को एसी हेलमेट देने जा रही है. यह हेलमेट 10 से 15 डिग्री सेल्सियस तक तापमान कम कर सकता है.
दिल्ली से पहले यूपी, चेन्नई और वडोदरा पुलिस भी ऐसे हेलमेट इस्तेमाल कर चुकी है, जिससे भरी दोपहरी में ड्यूटी करने वाले ट्रैफिक पुलिस के जवानों को बड़ी राहत मिली है. अब सवाल यह है कि दुनिया का पहला एसी हेलमेट कहां बना? यह कैसे काम करता है और इस हेलमेट का इस्तेमाल कहां-कहां किया जा रहा है?
कैसे काम करता है यह हेलमेट
एसी हेलमेट को इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिससे कड़ी धूप में काम करने वाले कर्मचारियों को लू लगने से बचाया जा सके. इसके लिए हेलमेट में ही वेंट होता है, जिससे ठंडी हवा बहती है और सिर को ठंडा रखती है. इस हेलमेट को पॉवर देने के लिए ली-आयन बैटरी का पैक कमर पर पहना जाता है, जब बैटरी कम होने लगती है तो रेड लाइट जलना शुरू हो जाती है, यह इस बात का संकेत होता है कि हेलमेट को चार्ज करने की जरूरत है. हेलमेट में दो से तीन घंटे का बैटरी बैकअप होता है. पूरे हेलमेट का वजन 200 ग्राम है, जिससे इसे पहनने वाले को असुविधा न हो. इस हेलमेट को पहनने के बाद 10 से 15 डिग्री सेल्सियस तक तापमान कम किया जा सकता है. फिलहाल इसकी कीमत 13000 रुपये से 15000 रुपये तक है. इसके अलावा इसमें एक प्लास्टिक शीट भी है, जिससे आंखों को सीधी धूप से बचाया जा सकता है.
कहां बनाया गया था पहला हेलमेट
दुनिया का पहला एसी हेलमेट कहां बनाया गया था, इसको लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं है. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि लुइसियाना स्टेट यूनिर्वसिटी ने 2023 में अपनी फुटबॉल टीम के लिए एसी हेलमेट पेश किया था, जिसमें पांच घंटे तक खिलाड़ियों को एयर फ्लो मिला था. एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में दुबई की एनआईए लिमिटेड ने भारत की स्टार्ट अप कंपनी जार्श लिमिटेड के साथ साझेदारी कर दुनिया का पहला एसी सेफ्टी हेलमेट बनाया था. वहीं, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि फेहर रिसर्च ने सबसे पहले हेलमेट में कूलिंग सिस्टम लगाया था.
इन देशों में हो रहा इस्तेमाल
पुलिसकर्मियों को धूप से बचाने के लिए भारत में कई राज्यों में एसी हेलमेट का प्रयोग पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में किया जा रहा है. इसमें गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली जैसे राज्य शामिल हैं. भारत के अलावा इस हेलमेट का प्रयोग दुबई में भी हो रहा है.
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Source: IOCL
























