सिने जगत से कादर खान (मरणोपरांत), मनोज वाजपेयी और प्रभुदेवा को पद्मश्री सम्मान
Padma Shri Awards : पद्मश्री अवॉर्ड्स की घोषणा कर दी गई है और बॉलीवुड के दो दिग्गज एक्टर्स को इस साल ये सम्मान देने का फैसला लिया गया है. इसमें दिवंगत अभिनेता कादर खान, प्रभुदेवा और मनोज वाजपेयी को ये सम्मान दिए जाने का फैसला लिया गया है.

Padma Shri Awards : पद्मश्री अवॉर्ड्स की घोषणा कर दी गई है और बॉलीवुड के दो दिग्गज एक्टर्स को इस साल ये सम्मान देने का फैसला लिया गया है. बॉलीवुड के जाने - माने एक्टर मनोज वाजपेयी को आज भारत सरकार की ओर से पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किए जाने का फैसला लिया है.
वहीं, दिवंगत अभिनेता कादर खान को भी मरणोपरांत पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किए जाने का फैसला लिया गया है. इसके अलावा डांसर, कोरियोग्राफर , निर्देशक और एक्टर प्रभुदेवा को भी पद्मश्री से नवाजे जाने का फैसला लिया है.
मनोज वाजपेयी
बिहार के चंपारण में जन्में मनोज वाजपेयी ने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत फिल्म 'बैंडिट क्वीन' से की थी. शेखर कपूर द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने देश ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खूब सुर्खियां बटोरीं. हालांकि इस फिल्म से मनोज वाजपेयी को कोई खास प्रख्याति नहीं मिली थी. लेकिन फिल्म में उनके काम के लिए उन्हें सराहा गया.
इसके बाद साल 1999 में उनकी फिल्म आई 'सत्या' जिसके लिए उन्हें बेस्ट एक्टर के फिल्मफेयर अवॉर्ड (क्रिटिक) से नवाजा गया. इसके बाद अगले ही साल उनकी फिल्म आई 'शूल' और इसके लिए भी बेस्ट एक्टर के फिल्मफेयर अवॉर्ड (क्रिटिक) उन्हें मिला. मनोज वाजपेयी ने अपनी फिल्मों के चयन और उनमें अपनी भूमिकाओं के लिए हमेशा सुर्खियां बटोरीं.
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मनोज वाजपेयी की कुछ बेहतरीन फिल्मों की बात करें तो उनमें अक्स, जुबेदा, पिंजर , राजनीति , गैंग्स ऑफ वासेपुर 1 और अलीगढ़ शामिल हैं. उनकी फिल्म अलीगढ़ को काफी विरोध प्रदर्शन का सामना भी करना पड़ा था. लेकिन फिल्म में उनका काम यकीनन काबिले तारीफ था.
कादर खान
बॉलीवुड के जाने माने एक्टर, राइटर और डायरेक्टर कादर खान का 31 दिसंबर को कनाडा के एक अस्पताल में निधन हुआ. जीते जी उन्हें इस बात का हमेशा मलाल रहा कि उनके काम के लिए उन्हें देश में वो सम्मान नहीं दिया गया जिसके वो हकदार थे. साल 2016 में जब एक्टर अनुपम खेर को पद्मभूषण से नवाजा गया तो उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वो भी इसके हकदार हैं. हालांकि उनके जीते जी उनका ये सपना पूरा नहीं हुआ लेकिन भारत सरकार ने मरणोपरांत उन्हें से सम्मान देने का फैसला लिया है.
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अफगानिस्तान से भारत पहुंचे कादर खान का जन्म 22 अक्टूबर 1937 को अफगानिस्तान में काबुल के निकट हुआ था. इसलिए जब इनकी चौथी संतान के रूप में कादर का जन्म हुआ तो वहां की आबो हवा को अपने अनुकूल न मानकर उनके माता-पिता उन्हें लेकर मुंबई आ गए. लेकिन इनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि इन्हें मुंबई की स्लम बस्ती कमाठीपुरा में रहना पड़ा. हज़ार परेशानियों के बावजूद कादर ने पढाई करते करते मुंबई से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर ली. बाद में यह एक कॉलेज में पढ़ाने भी लगे.
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कादर खान बॉलीवुड में साल 1973 से एक्टिव थे. उन्होंने फिल्म 'दाग़' से हिंदी सिनेमा में कदम रखा. इस दौरान उन्होंने अपने करियर में हर तरह की फिल्में की. विलेन, कॉमेडियन, गंभीर किरदार से लेकर अंधे तक का रोल उन्होंने बखूबी निभाया. उन्होंने अपने करियर में 300 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया और कई सुपरहिट फिल्मों के संवाद भी लिखे. खास बात ये है कि अमिताभ बच्चन की सबसे बड़ी हिट्स में शामिल शराबी, लावारिस, मुकद्दर का सिकंदर, अमर अकबर एंथनी, नसीब और सत्ते पे सत्ता जैसी फिल्मों के संवाद भी कादर खान की कलम से ही निकले थे.
प्रभुदेवा
इंडियन माइकल जैक्सन के नाम से जाने वाले प्रभुदेवा को भी भारत सरकार ने पद्मश्री से नवाजे जाने का फैसला लिया है. प्रभुदेवा को डांस का शौक उन्हें उनके पिता से मुगुरसुंदुर से लगा. उनके पिता साउथ फिल्म इंडस्ट्री में बतौर डांस डायरेक्टर काम किया करते थे. उन्होंने भारतीय और वेस्टर्न दोनों ही डांस फॉर्म सीखे हैं.
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डांस के बूते है प्रभुदेवा ने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई. पहले बतौर कोरियोग्राफर और फिर एक्टर वो फिल्मों में नजर आने लगे. बॉलीवुड में भी प्रभुदेवा के डांस के फैंस कम नहीं हैं. खुद ऋतिक रोशन ने प्रभुदेवा को अपनी प्रेरणा बताया था. उनकी फिल्म 'एबीसीडी' कुछ वक्त पहले ही आई थी जिसमें अपने काम को लेकर उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरीं थी.
Source: IOCL





















