Javed Akhtar On Teesta Setalvad: तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी पर जावेद अख्तर का गुजरात पुलिस पर तंज, कहा- 'फैसले की स्याही सूखी नहीं कि...'
Javed Akhtar On Teesta Setalvad: जावेद अख्तर ने तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी को लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया है. उन्होंने गुजरात पुलिस पर तंज कसा और कहा कि फैसले की स्याही भी नहीं सूखी कि उन्हें गिरफ्तार कर दिया.
Javed Akhtar On Teesta Setalvad: लेखक जावेद अख्तर (Javed Akhtar) अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. इतना ही सरकार हो या विपक्ष वो अक्सर अपनी बेबाक राय को सामने रखते आए हैं. हाल ही में जावेद अख्तर ने समाजसेवी तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी को लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया है. उन्होंने गुजरात पुलिस पर तंज कसा और कहा कि फैसले की स्याही भी नहीं सूखी कि उन्हें गिरफ्तार कर दिया.
उन्होंने कहा, 'एफिशिएंसी गुजरात पुलिस का नाम है. जिस कागज पर फैसला लिखा गया था उसकी स्याही सूखी भी नहीं थी और वे तीस्ता के घर पर पहुंच गए वो भी उनके खिलाफ लगे चार्जों की एक लंबी लिस्ट के साथ. वो भी सही कानूनी भाषा में लिखा हुआ था. मानो उनकी छठी इंद्रियों ने उन्हें फैसले के सुनाए जाने से बहुत पहले ही बता दिया हो.''
Efficiency thy name is Gujrat police . the ink had not dried on the paper on which the verdict was written n they were at Teesta’s house with a long list of charges in perfect legal language. As if their sixth sense had told them the verdict much before it was given .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) June 27, 2022
यहां बता दें कि 25 जून को गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने पूर्व पुलिस अधिकारी संजीब भट्ट, और पूर्व पुलिस अधिकारी और आप नेता आरबी श्रीकुमार के साथ 2002 के गुजरात दंगों के बारे में गलत जानकारी देने के आरोप में कार्यकर्ता 'तीस्ता सीतलवाड़' को हिरासत में ले लिया था. ये अपडेट तब आया जब सुप्रीम कोर्ट ने पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात दंगों में एक बड़ी साजिश के दावों को खारिज कर दिया था. उसके बाद तीस्ता सीतलवाड़ पर याचिकाकर्ता दायर कर कई गंभीर आरोप लगाए गए जिनमें आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी और 2002 के गुजरात दंगों में बेगुनाहों को फंसाने के लिए अदालत में फर्जी सबूत पेश करने का आरोप लगे हैं.
HM अमित शाह ने दिया ये बयान
एएनआई के साथ एक साक्षात्कार के दौरान, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों और सरकार को बदनाम करने के मामले में उनकी संलिप्तता पर चर्चा की. उन्होंने कहा, “यहां तक कि पीड़ितों के हलफनामों पर भी गैर सरकारी संगठनों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे. चीजें इस तरह से गढ़ी गई थीं. तीस्ता सीतलवाड़ का नाम सबके सामने है. हर कोई जानता है कि कैसे वह तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी के तुरंत बाद, उनके समर्थकों ने कानून प्रवर्तन अधिकारियों और न्यायपालिका की अखंडता पर सवाल उठाना शुरू कर दिया. सीतलवाड़ सिर्फ एक अन्य कार्यकर्ता नहीं हैं जिन्होंने 2002 के घातक दंगों से अपना करियर बनाया.
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