Rajasthan Election 2023: ये हैं राजस्थान के सबसे युवा और सबसे बुजुर्ग सीएम, एक के नाम दर्ज है बड़ी खास उपलब्धि
Election News: राजस्थान में पहला विधानसभा चुनाव 1952 में हुआ था. राज्य के पहले मुख्यमंत्री हीरा लाल शास्त्री थे. मोहन लाल सुखाड़िया ने 1954 से 1971 तक 17 वर्षों के लिए राज्य के सीएम की कुर्सी संभाली.

Rajasthan Election 2023 News: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 25 नवंबर को है. वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी. अगर कांग्रेस फिर से जीतती है और अशोक गहलोत को ही सीएम बनाती है तो मुख्यमंत्री के रूप में यह उनका चौथा टर्म होगा. वहीं, अगर सचिन पायलट को मौका मिलता है तो वह प्रदेश के युवा सीएम में से एक होंगे. हालांकि बीजेपी की तरफ से कौन सीएम फेस होगा इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है.
अपने राजघरानों को लेकर मशहूर रहा राजस्थान राजनीति में भी कई नए आयाम लिख चुका है. बात अगर प्रदेश के सबसे युवा और सबसे बुजुर्ग मुख्यमंत्री की करें तो यहां भी प्रदेश के नाम खास उपलब्धि दर्ज है. यहां हम आपको बताएंगे वो दो नाम जो सबसे कम उम्र में और सबसे अधिक उम्र में प्रदेश के सीएम बने.
मोहन लाल सुखाड़िया 38 साल के उम्र में बने सीएम
राजस्थान में पहला विधानसभा चुनाव 1952 में हुआ था. राज्य के पहले मुख्यमंत्री हीरा लाल शास्त्री थे. राजस्थान की राजनीति में खास स्थान रखने वाले मोहन लाल सुखाड़िया ने 1954 से 1971 तक 17 वर्षों के लिए राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में काम किया. जब वह सीएम बने तब उनकी उम्र करीब 38 साल थी. इस तरह वह राजस्थान के सबसे कम उम्र के सीएम बने. सुखाड़िया भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे.
मोहन लाल सुखाड़िया ने राजस्थान का सीएम रहने के दौरान प्रदेश में कई महत्वपूर्ण सुधार और विकास परियोजनाएं शुरू कीं. उन्होंने ही राजस्थान के आधुनिकीकरण की आधारशिला रखी थीं. इसके अलावा उन्होंने राजस्थान के बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी कई योजनाएं शुरू कराईं.
भैरों सिंह शेखावत ने 68 वर्ष में सीएम की कुर्सी पर बैठे
भैरों सिंह शेखावत राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने वाले सबसे उम्रदराज व्यक्ति थे. उन्होंने 4 दिसंबर 1993 को सीएम के रूप में पदभार संभाला था. जब वह सीएम बने तब उनकी उम्र 68 वर्ष थी. वर्ष 2002 में भैरों सिंह शेखावत देश के उपराष्ट्रपति बने. उन्होंने शील कुमार शिंदे को हराया था. जुलाई 2007 में उन्होंने नेशनल डेमोक्रेटिक अलाइंस के समर्थन से निर्दलीय राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा, लेकिन वह प्रतिभा पाटिल से चुनाव हार गए.
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