लोकसभा चुनाव 2019: कानपुर-बुंदेलखंड में चार रैलियां कर गठबंधन के पक्ष में माहौल बनाएंगी मायावती, पढ़ाएंगी आपसी भाई चारे का पाठ
कानपुर-बुंदेलखंड में चौथे चरण में 29 अप्रैल को वोटिंग होनी है. इसी के मद्देनजर बसपा सुप्रीमो मायावती की तूफानी रैलियों की शुरुआत होने वाली है. कानपुर बुंदेलखंड में 10 लोकसभा सीटें है.

कानपुर: बसपा सुप्रीमों मायावती कानपुर बुंदेलखंड में चार रैलियां कर के गठबंधन के पक्ष में माहौल तैयार करेंगी. बीजेपी के सबसे किले कानपुर बुंदेलखंड में सपा-बसपा गठबंधन सबसे मजबूत स्थिति में है. गठबंधन को और मजबूती देने के लिए बसपा मुखिया कानपुर बुंदेलखंड का तूफानी दौरा करेंगी. बसपा प्रत्याशियों के समर्थन में चार रैलियां करके बीजेपी के मजबूत किले को भेदने का काम करेंगी. चार रैलियों में से एक रैली कन्नौज में अखिलेश यादव और मायावती संयुक्त जनसभा भी होगी.
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कानपुर बुंदेलखंड में 10 लोकसभा सीटें है. सपा-बसपा गठबंधन में समाजवादी पार्टी के खाते में 5 लोकसभा सीटें है. जिसमें से कन्नौज, इटावा, कानपुर, झांसी, बांदा लोकसभा सीटें शामिल हैं. बसपा के खाते में मिश्रिख,फर्रुखाबाद ,अकबरपुर, जालौन, हमीरपुर लोकसभा सीटें शामिल हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में कानपुर बुंदेलखंड में बीजेपी और कांग्रेस के कैंडिडेट को चुनौती दे रहे हैं. इसके साथ ही गठबंधन को जन समर्थन भी मिल रहा है.
कानपुर-बुंदेलखंड में चौथे चरण में 29 अप्रैल को वोटिंग होनी है. इसी के मद्देनजर बसपा सुप्रीमो मायावती की तूफानी रैलियों की शुरुआत होने वाली है. 23 अप्रैल को मायावती मिश्रिख लोकसभा सीट से प्रत्याशी नीलू सत्यार्थी और फर्रुखाबाद से मनोज अग्रवाल के पक्ष में रैली करेंगी. फर्रुखाबाद और मिश्रिख लोकसभा सीटों में बसपा की जबर्दस्त पकड़ रही है. गठबंधन होने के बाद इन दोनों सीटों पर बीएसपी और भी मजबूत हो गई है. मायावती की रैली दोनों ही सीटों पर विपक्षी पार्टियों की हवा निकालने का काम करेगी.
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24 अप्रैल को बसपा सुप्रीमो अकबरपुर लोकसभा सीट में रैली करेंगी. जिसमें जालौन लोकसभा सीट के प्रत्याशी और कार्यकर्ता भी मौजूद रहेंगे. अकबरपुर लोकसभा सीट से बसपा प्रत्याशी निशा सचान और जालौन से पंकज सिंह मैदान में हैं. यह दोनों सीटें बसपा के खाते में ही रही हैं और गठबंधन होने बाद और भी मजबूत स्थिति में हैं.
25 अप्रैल को बसपा सुप्रीमों मायावती और अखिलेश यादव कन्नौज में संयुक्त रैली करेंगे. कन्नौज से अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव चुनावी मैदान में हैं. पहली बार कन्नौज की धरती पर अखिलेश यादव और मायावती एक मंच पर नजर आएंगे. कन्नौज समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है.
26 अप्रैल को मायावती हमीरपुर लोकसभा सीट पर विशाल जनसभा को संबोधित करेंगी. हमीरपुर से दिलीप कुमार सिंह बसपा प्रत्याशी हैं. हमीरपुर में बहुजन समाजवादी पार्टी बहुत मजबूत है. बसपा हमीरपुर में 1999 और 2009 में लोकसभा सीट जीत चुकी है. बसपा ने दिलीप कुमार सिंह को कैंडिडेट बनाकर क्षेत्रीय समेत वोटरों के साथ ही जनरल कैटेगरी को भी साधने का प्रयास किया है. जबकि बसपा का मानना है कि अनुसूचित जाति के वोटर पार्टी के साथ है. इसके साथ ही ओबीसी और मुस्लिम वोटरों की राजनीति करने वाली समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव जनसभा कर गठबंधन के पक्ष में माहौल तैयार करेंगे.
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2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कानपुर-बुंदेलखंड की 10 लोकसभा सीटों में से 09 सीटों पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी के हाथ से कन्नौज की सीट फिसल गई थी ,कन्नौज से अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कानपुर बुंदेलखंड की 52 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 47 सीटें जीती थीं. इस जीत के बाद कानपुर बुंदेलखंड बीजेपी का सबसे मजबूत किला बन गया.
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