'19 के खिलाड़ी': 2019 में यूपी में अगर बीजेपी ने दोहराया 2014 का प्रदर्शन तो पार्टी में बढ़ेगा योगी आदित्यनाथ का कद
अगर लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी उत्तर प्रदेश में बेहतर प्रदर्शन करती है तो पार्टी के फायरब्रांड नेता और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कद पार्टी में बढ़ जाएगा.

नई दिल्ली: बीजेपी के फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ जो अब देश के सबसे बड़े सूबे के मुख्यमंत्री भी हैं उनका कद बीजेपी में निश्चित ही मुख्यमंत्री बनने के बाद बढ़ा है. जब से उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभाला है उसके बाद से उनकी लोकप्रियता में भी लगातार इजाफा होता आया है. अब जो भी चुनाव बीजेपी लड़ती है उसमें बीजेपी के स्टार प्रचारकों में योगी आदित्यनाथ का नाम रहता हैं.
योगी आदित्यनाथ का खास किस्म का भगवा पहनावा, कानों में कुण्डलधारी और देशभर में गोरखनाथ पीठ से जुड़े उनके भक्त उन्हें खास बनाते हैं. गोरखनाथ पीठ की शाखाएं देश भर में फैली है और यही वजह है कि पूरे देश में योगी आदित्यनाथ की पहचान फायर ब्रांड लीडर के अलावा हिंदुत्व के पोस्टर ब्वॉय की भी है.
उनका यह छवी बीजेपी के लिए काफी फायदेमंद रही है. एक बार फिर साल 2019 में उनपर बड़ी जिम्मेदारी है. वह देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुखिया हैं और सूबे के 80 लोकसभा सीटों को बीजेपी के झोली में डालने की जिम्मेदारी उनपर ही होगी.
पिछली लोकसभा चुनाव में सूबे की 80 सीटों में से NDA ने 73 सीटों पर कब्जा किया था. हालांकि बाद में तीन लोकसभा सीटों पर हुए उप-चुनाव में बीजेपी को शिकस्त झेलनी पड़ी थी. इस बार फिर योगी आदित्यनाथ पर अपने सूबे में 2014 में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने जो मैजिक किया था उसे दोहराने की चुनौती है. ऐसे में इस चुनौती को पार कर वह साल 2019 के बड़े खिलाड़ी बन सकते हैं.
इस बार यूपी में बीजेपी के लिए चुनौती इसलिए भी बड़ी है क्योंकि एक तरफ सपा-बसपा का गठबंधन है तो वहीं प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने से कांग्रेस से भी कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है. ऐसी स्थिति में अगर इस बार भी यूपी में बीजेपी ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतती है तो योगी आदित्यनाथ का कद पार्टी में और बढ़ जाएगा. आइए एक नज़र डालते हैं योगी आदित्यनाथ के करियर पर
व्यक्तिगत जीवन
5 जून 1972 को उत्तराखंड (तब उत्तर प्रदेश था) के पौड़ी जिला स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचूर गांव के राजपूत परिवार में योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ था. इसके बाद साल 1977 में उन्होंने टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरू की. स्कूल और कॉलेज सर्टिफिकेट में इनका नाम अजय सिंह नेगी है. यहां से योगी आदित्यनाथ ने 10वीं की परीक्षा पास की. इसके बाद साल 1989 में ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की.ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते हुए एबीवीपी से जुड़े.कोटद्वार के गढ़वाल यूनिवर्सिटी से गणित में बीएससी की परीक्षा पास की.गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर रिसर्च करने गोरखपुर आए. यहां गोरक्षनाथ पीठ के महंत अवैद्यनाथ की नजर अजय सिंह/आदित्यनाथ पर पड़ी.सांसारिक मोहमाया त्यागकर पूर्ण संन्यासी बन गए, जिसके बाद अजय सिंह नेगी का नाम योगी आदित्यानाथ हो गया.
सियासी सफर 1998: योगी आदित्यनाथ सबसे पहले गोरखपुर से चुनाव बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर लड़े और जीत गए. तब उनकी उम्र महज 26 साल थी. इसके बाद 1999 में वह फिर गोरखपुर से दोबारा सांसद चुने गए.अप्रैल 2002 में योगी ने हिन्दू युवा वाहिनी बनायी. 2009: योगी आदित्यनाथ 2 लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंचे.2014 में पांचवी बार दो लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर सांसद चुने गए. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने योगी आदित्यनाथ से पूरे राज्य में प्रचार कराया. बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला और फिर 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुनकर मुख्यमंत्री का ताज सौंप दिया गया. 20 मार्च 2017 को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
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Source: IOCL


















