वायनाड का गणित: राहुल गांधी के मुकाबले टक्कर में होगा लेफ्ट, हाशिए पर होगी बीजेपी
केरल के वायनाड सीट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नामांकन भर दिया है. बता दें कि इस सीट पर कांग्रेस का मुख्य मुकाबला लेफ्ट के उम्मदीवार से होगा. वहीं बीजेपी इस सीट पर अब तक के चुनावों में हाशिए पर रही है.

Lok Sabha Elections 2019: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केरल के वायनाड सीट से नमांकन दाखिल कर दिया है. इस मौके पर उनके साथ कांग्रेस महासचिव और उनकी बहन प्रियंका गांधी भी मौजूद थीं. बता दें कि इस बार के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी दो लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वह अपने पारंपरिक सीट अमेठी के अलावा केरल के वायनाड से भी चुनाव लड़ रहे हैं.
जिस वायनाड सीट से राहुल गांधी ने चुनाव लड़ने का फैसला किया है यह जिला तीन राज्यों (केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक) की सीमा को छूता है. केरल की 20, तमिलनाडु की 39, पुदुचेरी की 1 और कर्नाटक की 28 सीटें हैं.
वायनाड में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और लेफ्ट के बीच
एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश के अमेठी सीट पर राहुल गांधी को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का सामना करना होगा तो वहीं केरल के वायनाड सीट पर मुख्य मुकाबला लेफ्ट से होगा. केरल में वामपंथी दलों के गठबंधन वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने वायनाड संसदीय क्षेत्र से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पीपी सुनीर को उतारा है.
इससे पहले कांग्रेस 2014 में यह सीट जीतने में कामयाब हुई थी लेकिन लेफ्ट के उम्मीदवार ने उसे कड़ी टक्कर दी थी. 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को वायनाड पर महज 20,870 वोटों के अंतर से जीत हासिल हुई थी. कांग्रेस के एमआई शानवास को सीपीएम के सत्यन मोकेरी से सिर्फ 1.81 फीसदी अधिक वोट मिले थे. शानवास को 3,77,035 और मोकेरी को 3,56,165 वोट मिले थे. बीजेपी तब चुनाव में तीसरे स्थान पर रही थी और उसके प्रत्याशी पीआर रस्मिलनाथ को 80,752 वोट मिले थे.

इस बार भी मुकाबला मुख्य रूप से कांग्रेस और लेफ्ट के बीच ही है. जबकि हालांकि बीजेपी ने इस सीट पर अपने उम्मीदवार के रूप में सहयोगी पार्टी भारत धर्म जनसेना (बीडीजेएस) के अध्यक्ष तुषार वेल्लापल्ली को बतौर उम्मीदवार उतारा है. अब देखना होगा कि बीजेपी कांग्रेस और सीपीएम को कितना टक्कर दे पाती है.
जानिए वायनाड सीट के बारे में सबकुछ
कब बना वायनाड लोकसभा सीट केरल का वायनाड लोकसभी सीट 2009 में बना. इस सीट को कांग्रेस की सुरक्षित सीटों में से एक माना जाता है.
तीन जिलों की संगम है ये सीट वायनाड लोकसभा के तहत सात विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इनमें से तीन वायनाड ज़िले के, तीन मल्लापुरम ज़िले के और एक कोझीकोड ज़िले से हैं. विधानसभा सीटें- मानाथावाडी, सुल्तानबथेरी, कल्पेट्टा, थिरुवंबाडी, एननाड, नीलांबुर और वांडूर.
क्या है इस सीट पर समीकरण वायनाड सीट में हिंदू आबादी 49.7 प्रतिशत है. ईसाई और इस्लाम को मानने वालों की आबादी भी करीब-करीब इतनी ही है. यहां ईसाई 21.5 और मुस्लिम 28.5 प्रतिशत हैं. खास बात ये है कि इस सीट की हिंदू आबादी में दलितों की खासी आबादी है. कुल वोटरों की तादाद 13 लाख, 25 हजार 788 है.
क्या रहे थे 2014 और 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजे इस सीट पर 2009 और 2014 दोनों ही चुनावों में कांग्रेस के प्रत्याशी की जीत हुई थी. 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को वायनाड में बड़ी जीत हासिल हुई थी. यूडीएफ (कांग्रेस) के एमआई शानवास ने एलडीएफ (सीपीआई) के ऐडवोकेट एम रहमतुल्लाह को 1,53,439 के भारी मार्जिन से शिकस्त दी थी. वहीं 2014 में भी कांग्रेस इस सीट पर जीती थी लेकिन वोटों के अंतर में 2009 के मुकाबले काफी कम अंतर था. 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को वायनाड लोकसभा सीट पर महज 20,870 वोटों के अंतर से जीत हासिल हुई थी.
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Source: IOCL
















