UGC ने 37 विश्वविद्यालयों को दिया अल्टीमेटम, वेबसाइट पर जरूरी जानकारियां अपलोड न करने पर पड़ेगा बड़ा असर
यूजीसी ने 37 विश्वविद्यालयों को अपनी वेबसाइट पर अनिवार्य जानकारियां अपलोड करने के लिए दो हफ्तों का अल्टीमेटम दिया है. आइए जानते हैं इस लिस्ट में कौन से नाम है.

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने 37 विश्वविद्यालयों को चेतावनी दी है कि वे अपनी वेबसाइट पर सभी अनिवार्य जानकारियां अपलोड करें. आयोग ने कहा है कि यदि ये विश्वविद्यालय दो हफ्तों के भीतर यह कार्य नहीं करते हैं, तो यूजीसी नियमों के तहत इनकी मान्यता, कोर्स और डिग्री प्रोग्राम पर रोक लगा सकती है.
यूजीसी सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी ने इन विश्वविद्यालयों के नाम सार्वजनिक किए हैं. डिफॉल्टर सूची में आगरा स्थित अग्रवन हेरिटेज विश्वविद्यालय, देहरादून का माया देवी विश्वविद्यालय, भोपाल का अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय और जबलपुर का महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय समेत कुल 37 विश्वविद्यालय शामिल हैं.
नियमों की अनदेखी से छात्रों को नुकसान
वरिष्ठ सूत्रों ने बताया कि इन विश्वविद्यालयों को बार-बार नोटिस भेजे जाने के बावजूद, वे यूजीसी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. इससे छात्रों और अभिभावकों को सही जानकारी नहीं मिल पाती. कई छात्रों ने शिकायत की है कि विश्वविद्यालय भ्रामक जानकारियों के आधार पर दाखिले लेते हैं.
यूजीसी का कहना है कि सभी उच्च शिक्षा संस्थानों की वेबसाइट को नियमित रूप से जांचना और अपडेट करना अनिवार्य है. यह कदम छात्रों को सही जानकारी उपलब्ध कराने और शिक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है.
कौन-कौन से विवरण अपलोड करना अनिवार्य हैं?
- सभी कोर्स और डिग्री प्रोग्राम की विस्तृत जानकारी
- दाखिला प्रक्रिया और फीस स्ट्रक्चर
- शैक्षणिक कैलेंडर
- फैकल्टी और स्टाफ की जानकारी
- विश्वविद्यालय की मान्यता और संबद्धता
यूजीसी का अल्टीमेटम
यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि यह दो सप्ताह का अल्टीमेटम अंतिम चेतावनी है. इसके बाद अगर विश्वविद्यालय ने अपनी वेबसाइट अपडेट नहीं की, तो आयोग उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा. इस कार्रवाई में उनके सभी कोर्स और डिग्री प्रोग्राम पर रोक लगाना शामिल है.
यूजीसी का यह कदम शिक्षा में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है. आयोग का मानना है कि वेबसाइट पर सही जानकारी न होने से छात्रों के लिए भ्रम की स्थिति पैदा होती है और उन्हें सही निर्णय लेने में कठिनाई होती है.
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Source: IOCL























