एक्सप्लोरर
Advertisement
पाकिस्तान के पूर्व पीएम इस विदेशी यूनिवर्सिटी में चांसलर बनने की दौड़ से हुए बाहर, तीन भारतवंशियों ने बनाई जगह
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का नया चांसलर 21 साल से पदासीन हांगकांग के पूर्व गवर्नर लॉर्ड पैटन के 2024 के ट्रिनिटी टर्म में रिटायर होने के बाद उनकी जगह लेगा.
दुनिया में शिक्षा के सबसे पुराने संस्थानों में से एक मानी जाने वाली लंदन स्थित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने अपने नए कुलपति के चुनाव के लिए आए आवेदनों में से 38 फाइनलिस्ट की सूची जारी बुधवार को कर दी. इस सूची से जहां एक ओर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बाहर कर दिया गया है. वहीं भारतीय मूल के अंकुर शिव भंडारी, निरपाल सिंह पॉल भंगल और प्रतीक तरवड़ी के नाम शामिल है. आइये जानते हैं इन तीनों के बारे में...
अंकुर शिव भंडारी
अंकुर शिव भंडारी भारतीय मूल के नागरिक है और लंदन के ब्रैकनेल शहर के पहले भारतीय मूल के मेयर रह चुके हैं. उनकी दावेदारी को तवज्जो इसलिए मिल रही है क्योंकि वह न सिर्फ इंग्लैंड के एक शहर के मेयर रहे बल्कि उन्हें बड़ी संस्था को चलाने का अनुभव है. उनका मेयर का कार्यकाल काफी लोकप्रिय रहा था.
यह भी पढ़ें- UPSC Success Story: IAS छोड़ इस महिला ने चुना IPS, खूबसूरती की मामले बॉलीवुड एक्ट्रेस भी पीछे
निरपा सिंह पॉल भंगल
निरपा सिंह पॉल भंगल पेशे से इंटरनेशनल एंटरप्रेन्योरशिप के प्रोफेसर हैं. उन्होंने ऑक्सफोर्ड समेत दुनियाभर की यूनिवर्सिटीज में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में काम किया है. इसके अलावा नए कोर्स विकसित करने में उनका खासा एक्सपीरियंस है. यही नहीं, मल्टी कल्चरल माहौल को समझने और उसके अनुसार आचरण करने से लेकर दुनिया की लीडिंग ग्लोबल इकोनॉमी के लोगों के साथ उनका संपर्क भी उनकी दावेदारी को मजबूती देता है.
प्रतीक तरवड़ी
प्रतीक तरवाड़ी पेशे से मेडिकल प्रोफेशनल है. उन्होंने फॉरेंसिक और टॉक्सीकोलॉजी पर काफी काम किया है. साथ ही बाइट मार्क की फॉरेंसिक इनवेस्टिगेशन में भूमिका समेत 24 से ज्याद विषयों पर शोध किया है. उनके दुनिया भर के संस्थानों के नामी रिसर्च एक्सपर्ट के साथ संपर्क है जो उनकी दावेदारी को बल देते हैं.
यह भी पढ़ें- इंडियन आर्मी की ऐसी रेजिमेंट…जिससे मौत भी कांपती है, खुखरी से काटते हैं दुश्मन का गला, पढ़ें इनकी कहानी
इस काबिलियत पर सबसे ज्यादा होता है ध्यान
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर के चुनाव के लिए वैसे तो चांसलर चुनाव कमेटी चार पहलुओं पर गौर करती है. लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान वह इस बात पर देती है कि आवेदन करने वाला जिस क्षेत्र विशेष से आता है, उसकी कितनी समझ है और उस क्षेत्र में उसने कितना असाधारण काम किया है.
ऑनलाइन वोटिंग से चुने जाएंगे टॉप फाइव आवेदक
यूनिवर्सिटी कुलपति चयन कमेटी के द्वारा चुने गए टॉप 38 आवेदकों के नाम सामने आने के बाद अब दो चरणों की वोटिंग होगी. इसमें यूनिवर्सिटी के कॉन्वोकेशन जिसमें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के स्टाफ और ग्रजुएट्स शामिल हैं, वह ऑनलाइन माध्यम से चांसलर का चुनाव करेंगे.
क्या है वोटिंग प्रक्रिया
28 अक्टूबर से शुरू होने वाली पहले चरण की वोटिंग के दौरान वोटर अपनी पसंद के कैंडीडेट्स की रैंकिंग के अनुसार सूची तैयार करेंगे. इसमें वह चाहें तो कई या सभी को शामिल कर सकते हैं लेकिन रैंकिंग देना जरूरी होगा. 4 नवंबर को टॉप 5 कैंडिडेट के नाम जारी होंगे. इसके बाद 18 नवंबर से दूसरे चरण की वोटिंग शुरू होगी जिसमें यूनिवर्सिटी के नए चांसलर का नाम तय होगा. 25 नवंबर को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के नए चांसलर के नाम की घोषणा होगी.
10 साल के लिए होगा टेन्योर
यूनिवर्सिटी के नए कुलपति का कार्यकाल 10 साल तय किया गया है. पहले रिटायर होने तक चांसलर रहने का प्रावधान था लेकिन हाल ही में यूनिवर्सिटी के नियमों में बदलाव कर कार्यकाल को दस साल तक सीमित कर दिया गया है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर के जिम्मे में यूनिवर्सिटी के लिए फंडरेजिंग करने के साथ ही देश और दुनिया के विभिन्न कार्यक्रमों में यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधि के तौर पर जाने की जिम्मेदारी रहती है.
यह भी पढ़ें- कौन है बहराइच में हाथ में पिस्टल लेकर उपद्रवियों को खदेड़ने वाला अधिकारी, जिससे कांपते हैं अपराधी
Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, शिक्षा और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
टेलीविजन
क्रिकेट
Advertisement
अवनीश पी. एन. शर्मा, ICCRसलाहकार सदस्य
Opinion