इन्हें कहा जाता है दुनिया का सबसे कठिन कोर्स...एडमिशन मिलने के बाद भी लोग पूरी नहीं कर पाते डिग्री
आर्किटेक्चर उन्हें कहा जाता है जो आपके घरों का बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों का नक्शा बनाते हैं. यह सुनने में भले ही बहुत आसान काम लगता है, लेकिन इसमें बहुत दिमाग लगता है.

कहते हैं कि भारत में सबसे ज्यादा कठिन परीक्षा यूपीएससी और आईआईटी की होती है. इसे आप जेईई परीक्षा के तौर पर भी जानते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया में कुछ ऐसे डिग्री कोर्स भी हैं, जिन्हें सबसे कठिन माना जाता है. यह कोर्स इतने ज्यादा कठिन होते हैं कि एक बार छात्र इन में एडमिशन तो ले लेता है. लेकिन इन्हें पूरा सब नहीं कर पाते हैं. इन कोर्सेज की पढ़ाई इतनी ज्यादा कठिन होती है कि छात्र दिन भर लगे रहते हैं तब भी अपना सिलेबस बमुश्किल ही पूरा कर पाते हैं. चलिए आज आपको दुनिया के इन्हीं पांच सबसे कठिन कोर्स के बारे में बताते हैं.
पहले नंबर पर है चार्टर्ड अकाउंटेंट का कोर्स
चार्टर्ड अकाउंटेंट का कोर्स दुनिया के कुछ सबसे मुश्किल कोर्स में से एक माना जाता है. हालांकि, अगर आप एक बार चार्टर्ड अकाउंटेंट बन जाते हैं तो आपको महीने की लाखों की सैलरी मिलती है. लेकिन इस कोर्स को पूरा करना ही सबसे बड़ी चुनौती है. हर साल लाखों छात्र चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने का सपना लेकर कॉलेजों से निकलते हैं लेकिन बहुत कम छात्र ही अपने इस सपने को पूरा कर पाते हैं. कई छात्र तो चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने की तैयारी अपने ग्रेजुएशन के पहले साल से ही करना शुरू कर देते हैं. हालांकि, इसके बावजूद भी ग्रेजुएशन पूरा करने के कुछ साल बाद तक तैयारी करने के बाद भी वह चार्टर्ड अकाउंटेंट नहीं बन पाते हैं.
मेडिकल साइंस की पढ़ाई
मेडिकल साइंस की पढ़ाई जवाब पूरा कर लेते हैं तो आपको डॉक्टर की डिग्री मिल जाती है. यह पढ़ाई तो बहुत मुश्किल है ही, इसे पढ़ने के लिए जिस कॉलेज में आपको एडमिशन चाहिए... उस एडमिशन को हासिल करने की भी परीक्षा भारत की कुछ सबसे कठिन प्रवेश परीक्षाओं में से एक है. हम बात कर रहे हैं NEET की. एक मेडिकल स्टूडेंट तभी किसी अच्छे मेडिकल कॉलेज में एडमिशन ले पाता है जब वह नीट की प्रवेश परीक्षा में अच्छी रैंक ले आ सके. हालांकि, कई बार ऐसा होता है कि कुछ छात्र मेडिकल कॉलेज में एडमिशन तो ले लेते हैं लेकिन उस डॉक्टरी की पढ़ाई को पूरा नहीं कर पाते हैं. आपने कई बार खबरों में सुना होगा कि फ्रस्ट्रेशन और प्रेशर के चलते किसी मेडिकल छात्र ने खुदकुशी कर ली. यह पूरा फ्रस्ट्रेशन और प्रेशर इसी कठिन पढ़ाई का होता है. लेकिन ऐसे केस बहुत कम होते हैं. मेडिकल की पढ़ाई में ज्यादातर छात्र अंत में डॉक्टर बनकर ही निकलते हैं.
आर्किटेक्चर का कोर्स
आर्किटेक्चर उन्हें कहा जाता है जो आपके घरों का बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों का नक्शा बनाते हैं. यह सुनने में भले ही बहुत आसान काम लगता है, लेकिन इसमें बहुत दिमाग लगता है. यह एक प्रेशर वाला काम होता है. इससे भी ज्यादा प्रेशर आर्किटेक्चर का कोर्स पूरा करने में होता है. यही वजह है कि आर्किटेक्चर के कोर्स को पूरी दुनिया के सबसे कठिन कोर्सों में शामिल किया गया है. आप अगर आर्किटेक्ट बनना चाहते हैं तो आपको इससे संबंधित कॉलेज में एडमिशन के लिए खूब दम लगा कर पढ़ाई करनी होगी. दरअसल, स्कूल में एडमिशन लेने का एंट्रेंस एग्जाम बहुत कठिन होता है. इस कोर्स को सबसे ज्यादा कठिन कोर्सों में इसलिए रखा गया है क्योंकि बायोडिग्रेडेबल कंटेंट और प्रोसेस का इस्तेमाल करने के लिए आपके पास बहुत शार्प माइंड होना जरूरी है.
क्वांटम मेकैनिक्स का कोर्स
क्वांटम मैकेनिक्स उस विषय को कहते हैं जिसके अंतर्गत आप नेचर के शक्तियों का पता लगाते हैं. यानी आपका काम होता है कि आप दुनिया को तत्वों और वस्तुओं की भौतिक प्रकृति के बारे में जानकारी दें. क्वांटम मैकेनिक्स का कोर्स करने के लिए आपको इससे संबंधित किसी बेहतरीन कॉलेज में एडमिशन लेना पड़ता है. अगर आपने एंट्रेंस एग्जाम क्वालीफाई करके किसी कॉलेज में एडमिशन ले भी लिया तो इस कोर्स को पूरा करने के लिए जितनी सहनशीलता और शार्प माइंड की जरूरत होती है, वह शायद ही किसी कोर्स में लगती हो.
ह्यूमन साइकोलॉजी का कोर्स
ह्यूमन साइकोलॉजी को हिंदी में मनोविज्ञान कहते हैं. मनोविज्ञान चिकित्सा की पढ़ाई बेहद पेचीदा होती है. इसमें आप इंसान के शरीर में मौजूद ऐसी बीमारी का इलाज करते हैं जिसे आम इंसान शायद ही समझ पाता हो. अगर आप एक अच्छे मनोवैज्ञानिक बनना चाहते हैं तो आपको देश के टॉप मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेना पड़ता है. अगर आपने नीट क्वालीफाई करके किसी बेहतरीन मेडिकल कॉलेज में मनोविज्ञान के कोर्स में एडमिशन ले भी लिया तो इसको स्कोर पूरे 5 साल तक पढ़ कर पूरा करने में आपकी हालत खराब हो जाएगी. ऐसे कई उदाहरण हैं जिसमें छात्रों ने इस कोर्स को बीच में ही छोड़ दिया है. हालांकि हर साल कई ऐसे छात्र भी है जो टॉप क्लास के मनोवैज्ञानिक बनते हैं और पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन करते हैं.
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