लखनऊ यूनिवर्सिटी में इन कोर्स की खाली सीटों पर सीधे मिलेगा दाखिला, जानें कौन हैं पात्र
लखनऊ विश्वविद्यालय में बीएलएड, एमएड आदि कोर्स में खाली सीटों पर सीधे प्रवेश की अनुमति दी गई है. यह सुविधा उन्हीं छात्रों के लिए होगी जिन्होंने केंद्रीयकृत प्रवेश परीक्षा में हिस्सा लिया हो.

लखनऊ विश्वविद्यालय से जुड़े महाविद्यालयों में बीएलएड, एमएड, बीपीएड और एमपीएड पाठ्यक्रमों के लिए सत्र 2025-26 में काउंसलिंग के बाद भी यदि सीटें खाली रह जाती हैं, तो उन रिक्त सीटों पर सीधे प्रवेश की सुविधा दी जाएगी. यह जानकारी विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. भावना मिश्रा ने दी.
डॉ. मिश्रा ने बताया कि यह प्रवेश केवल उन्हीं अभ्यर्थियों के लिए मान्य होगा, जिन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय की केंद्रीयकृत प्रवेश परीक्षा में भाग लिया हो. उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रवेश प्रक्रिया में सभी महाविद्यालयों को विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित नियमों और निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा.
क्यों दी जा रही सीधे प्रवेश की अनुमति?
कुलसचिव ने कहा कि काउंसलिंग के बाद कई महाविद्यालयों में कुछ सीटें खाली रह जाती हैं. छात्रों के शैक्षणिक नुकसान को रोकने और सत्र समय पर शुरू करने के लिए यह कदम उठाया गया है. विश्वविद्यालय का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर योग्य छात्र को पाठ्यक्रम में प्रवेश मिल सके.
किन छात्रों के लिए मान्य होगा प्रवेश?
केंद्रीयकृत प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए हों. निर्धारित योग्यता और पात्रता मापदंडों को पूरा करते हों. इस निर्णय से उन छात्रों को भी लाभ मिलेगा जो काउंसलिंग के दौरान किसी कारणवश सीट नहीं ले पाए थे, लेकिन प्रवेश परीक्षा में सफल रहे हैं.
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महाविद्यालयों की जिम्मेदारी
डॉ. मिश्रा ने सभी महाविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वे प्रवेश प्रक्रिया में विश्वविद्यालय के नियमों का सख्ती से पालन करें. प्रवेश में पारदर्शिता बनी रहे. छात्रों के चयन में किसी प्रकार का भेदभाव न हो. सभी जरूरी दस्तावेजों और योग्यता प्रमाणों की जांच सुनिश्चित की जाए. इसके अलावा महाविद्यालयों को यह भी ध्यान रखना होगा कि सीधे प्रवेश लेने वाले छात्रों की सूची समय पर विश्वविद्यालय को भेजी जाए.
छात्रों के लिए आसान और पारदर्शी प्रक्रिया
विश्वविद्यालय ने यह भी बताया कि सीधे प्रवेश की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी होगी. छात्रों को किसी प्रकार की अनावश्यक बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा. प्रवेश लेने वाले छात्रों की जानकारी विश्वविद्यालय की ऑनलाइन प्रणाली में दर्ज की जाएगी, ताकि भविष्य में किसी प्रकार का विवाद न हो.
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Source: IOCL























