कोरोना काल में ग्लोबल एफडीआई में 49 फीसदी की कमी लेकिन भारत की स्थिति अच्छी
अंकटाड ने कहा है कि भारत की डिजिटल इकॉनमी में निवेश का बढ़ना लगातार जारी है. ग्लोबल विलय और अधिग्रहण की वजह से डिजिटल इकनॉमी में काफी निवेश हो रहा है.

दुनिया भर में पहली छमाही के दौरान एफडीआई में गिरावट आई है लेकिन भारत में इस दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में इजाफा हुआ है. कोविड-19 की वजह से दुनिया भर में एफडीआई में 49 फीसदी की कमी आई है लेकिन इस दौरान भारत की डिजिटल इकोनॉमी में 2019 की पहली तिमाही की तुलना में विलय और अधिग्रहण सौदे में एफडीआई बढ़ा है.
ज्यादा एफडीआई से रिकवरी में आसानी
अंकटाड की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की तरह दूसरी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में विदेशी निवेश बढ़ेगा. इससे पूर्वी एशिया के देशों को कोविड-19 से पैदा आर्थिक मंदी से रिकवरी करने में आसानी होगी. उनकी रिकवरी जल्दी होगी. अपने ताजा ग्लोबल इनवेस्टमेंट ट्रेंड मॉनिटर में अंकटाड (UNCTAD) पहली छमाही के दौरान दक्षिण एशिया में एफडीआई 31 फीसदी कर 20 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. हालांकि भारत में अप्रैल-अगस्त, 2020 के दौरान एफडीआई बढ़ कर 35.37 अरब डॉलर तक पहुंच गया. यह एक वित्त वर्ष में पिछले पांच महीने का सर्वोच्च स्तर है.
भारत की डिजिटल इकॉनमी में बढ़ रहा एफडीआई
अंकटाड ने कहा है कि भारत की डिजिटल इकॉनमी में निवेश का बढ़ना लगातार जारी है. ग्लोबल विलय और अधिग्रहण की वजह से डिजिटल इकनॉमी में काफी निवेश हो रहा है. उदाहरण के लिए हाल में जियो प्लेटफॉर्म्स में फेसबुक 5.6 अरब डॉलर की हिस्सेदारी खरीदी. इन्फ्रास्ट्क्चर और एनर्जी सेक्टर में विदेशी कंपनियों की से विलय और अधिग्रहम के सौदे हुए हैं. संगठन ने कहा है कि अगर भारत में आर्थिक सुधार जारी रहे तो कोरोना संक्रमण से पैदा दिक्कतों के बावजूद यहां के लिए विदेशी निवेशकों का रुझान बढ़ सकता है. भारत में चीन से अपना मैन्यूफैक्चरिंग बेस शिफ्ट करने वाली कंपनियां फैक्ट्रियां लगा सकती हैं.
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