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Google Case: कौन हैं भारतीय मूल के वो जज जिसने अमेरिकी कंपनी गूगल पर चलाया सख्त फैसले का हथौड़ा

Google Antitrust Case: जानिए कौन हैं वो इंडियन ओरिजन के जज जिसने गूगल पर 277 पन्नों के फैसले के जरिए कानून का हथौड़ा चलाया है और इसकी मोनोपली का खुलकर खुलासा किया है.

Google Antitrust Case: लंबे समय तक चले मुकदमे के बाद तकनीकी कंपनी गूगल पर लैंडमार्क फैसला आया जिसमें इस दिग्गज फर्म को साफ तौर पर मोनोपली का गलत इस्तेमाल करने वाला कहा गया है. अमेरिका की कोलंबिया डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने कहा कि अपने प्रभुत्व को बढ़ाने के लिए टेक जाएंट गूगल ने कारोबारी शक्तियों का अवैध इस्तेमाल किया है. अदालत ने माना कि सर्च इंजन में गूगल का दबदबा है लेकिन कोर्ट के मुताबिक ऐसा कंपनी के मोनोपोलिस्ट होने की वजह से है. खास बात है कि अमेरिका की अदालत और अमेरिका की ही कंपनी लेकिन जज जिसने फैसला दिया-वो भारतीय मूल के एक गुजराती हैं जो अब अमेरिकी सिटीजन के तौर पर कानून का पालन करवाने वाले के तौर पर चर्चित हो रहे हैं. जानिए इनके बारे में-

जानें जस्टिस अमित पी मेहता के बारे में

अमेरिका की कोलंबिया डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जस्टिस अमित पी मेहता का पूरा नाम अमित प्रियवदन मेहता है. ये एक अमेरिकी वकील हैं और साल 2014 से कोलंबिया में यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट जज के रूप में काम कर रहे हैं. जस्टिस अमित पी मेहता को कोलंबिया जिले की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में 22 दिसंबर 2014 को नियुक्त किया गया था. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इनकी नियुक्ति को मंजूरी दी थी.

ये है जस्टिस अमित मेहता की तस्वीर


Google Case: कौन हैं भारतीय मूल के वो जज जिसने अमेरिकी कंपनी गूगल पर चलाया सख्त फैसले का हथौड़ा

  • अमित मेहता का जन्म साल 1971 में गुजरात के पाटन में हुआ था और एक साल की उम्र में उनके माता-पिता उन्हें अमेरिका ले गए थे. 
  • गुजरात के पाटन में जन्मे अमित मेहता ने 1993 में जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस और अर्थशास्त्र में बीए की डिग्री हासिल की है.
  • साल 1997 में यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया के स्कूल ऑफ लॉ से जेडी किया है.
  • लॉ स्कूल के बाद जज मेहता ने नौवें सर्किट के लिए यूनाइटेड स्टेट्स कोर्ट ऑफ अपील्स के माननीय सुसान पी. ग्रैबर के लिए क्लर्क करने से पहले लॉ फर्म लैथम एंड वॉटकिंस एलएलपी के सैन फ्रांसिस्को कार्यालय में काम किया था.
  • अपनी क्लर्कशिप के बाद जज मेहता ने 1999 से 2002 तक वाशिंगटन, डीसी स्थित लॉ फर्म ज़करमैन स्पैडर एलएलपी में काम किया.
  • साल 2002 में जज मेहता एक स्टाफ वकील के रूप में डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया पब्लिक डिफेंडर सर्विस में शामिल हुए. जज मेहता 2007 में जकरमैन स्पाएडर लौट आए, जहां उनका अभ्यास सफेदपोश क्रिमिनल डिफेंस, मुश्किल कारोबारी विवादों और अपीलीय वकालत पर केंद्रित था. 
  • 2021 में अमित पी मेहता यूनाइटेड स्टेट्स फॉरेन इंटेलिजेंस सर्विलांस कोर्ट के जज बन गए थे. अमित मेहता ने 6 जनवरी 2021 को यूनाइटेड स्टेट्स कैपिटल हमले और गूगल एंटीट्रस्ट केस से जुड़े मुकदमों में खास तौर पर अध्यक्षता की है.

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी दे चुके हैं कानून का डोज़

अमित मेहता ने पहले 6 जनवरी के कैपिटल दंगों से संबंधित मामलों पर फैसला सुनाया था. इसमें उन्होंने दंगा भड़काने के लिए जवाबदेह ठहराते हुए नागरिक मुकदमों को खारिज करने के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की कोशिशों को मना कर दिया था. साल 2022 में उन्होंने डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा हमलों में पूर्व राष्ट्रपति पर कानूनी जिम्मेदारी का आरोप लगाने वाले मुकदमों को खारिज करने के प्रयासों को इंकार करते हुए फैसले में लिखा, "राष्ट्रपति को नागरिक क्षति से छूट से वंचित करना कोई छोटा कदम नहीं है. कोर्ट अपने फैसले की गंभीरता को अच्छी तरह समझता है."

जज अमित मेहता की अन्य उपलब्धियां

जज अमित मेहता ने मिड-अटलांटिक इनोसेंस प्रोजेक्ट के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के तौर पर कार्य किया है और कोलंबिया बार के आपराधिक कानून और व्यक्तिगत अधिकार अनुभाग संचालन समिति के पूर्व सह-अध्यक्ष रहे हैं. वह फैसिलिटेटिंग लीडरशिप इन यूथ के पूर्व डायरेक्टर भी रहे हैं जो एक गैर-लाभकारी संगठन (NGO) है. ये स्कूल के बाद की गतिविधियों और जोखिम वाले युवाओं को सलाह देने के लिए समर्पित संस्था है. 

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