Love Relationship: मंगल ग्रह अशुभ होने पर प्रेम संबंधों में बनती है वाद विवाद की स्थिति, ऐसे करें मंगल को शांत
Breakup Reasons In Hindi: लव रिलेशनशिप में जब परेशानियां आने लगें और बात बात पर वाद विवाद की स्थिति बनने लगे तो एक बार मंगल ग्रह की स्थिति को जरूर देख लेना चाहिए. मंगल प्रेम संबंधों में बाधा पैदा करते हैं.
Breakup According To Astrology : ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को उग्र ग्रह माना गया है. सभी 9 ग्रहों में मंगल को सेनापति माना गया है. सूर्य देव यदि ग्रहों के राजा है तो मंगल सेनापति हैं. मंगल ग्रह से ही मंगल दोष यानि मांगलिक दोष की स्थिति जन्म कुंडली में बनती है. विवाह से पूर्ण कुंडली के मिलान में मंगल दोष को प्रमुखता से वरियता दी जाती है. दांपत्य जीवन में मंगल अशुभ होने पर कई तरह की परेशानियां उत्पन्न कर देते हैं, कई बार मंगल ग्रह के कारण तलाक की स्थिति भी आ जाती है. इसलिए मंगल की भूमिका को जीवन में बहुत ही अहम माना गया है.
मंगल का स्वभाव
मंगल शुभ होने पर व्यक्ति को साहसी बनाते हैं, ऐसा व्यक्ति सेना और पुलिस सेवा में बहुत ही मान सम्मान प्राप्त करता है. मंगल प्रधान व्यक्ति को किसी का डर नहीं लगता है. मंगल व्यक्ति को साहसिक बनाता है. शुभ ग्रहों की दृष्टि से मंगल अत्यंत शुभ फल प्रदान करता है. वहीं जब ये अशुभ ग्रहों की दृष्ट हो जाए तो जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी हैं मंगल
मंगल ग्रह को मेष राशि और वृश्चिक राशि का स्वामी माना गया है. मंगल ग्रह मकर राशि में उच्च तथा कर्क राशि में नीच के मानें गए हैं. मंगल की सूर्य, चंद्र और देव गुरु बृहस्पति से मित्रता है. बुध ग्रह से मंगल की शत्रुता है. शुक्र और शनि के साथ सम संबंध है.
मिथुन राशि में मंगल का गोचर
वर्तमान समय में मंगल मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं. मिथुन राशि पर मंगल का प्रभाव बना हुआ है. मंगल के कारण ऐसे लोग हर समय कुछ नया करने की चाहत बनी रहती है. कम्युनिकेशन और आईटी के क्षेत्र में ऐसे लोग कुछ बेहतर करते हैं.
प्रेम संबंधों में देते हैं बाधा
मंगल ग्रह के कारण प्रेम संबंधों में दिक्कत आती है. अचानक बात चीत बंद हो जाती है. या फिर अहम के कारण वाद विवाद की स्थिति बन जाती है. मंगल के कारण क्रोध में भी वृद्धि होती है. जिस कारण भी लव रिलेशन में परेशानी आती है.
मंगल के उपाय
- मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करें.
- नमक का सेवन कम करें.
- हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें.
- बंदरों को गुड़ और चना खिलाएं.
- पशु-पक्षियों की सेवा करें.
- क्रोध से बचें.
- वाणी में मधुरता लाएं.
- गलत संगत से दूर रहें.
- नशा आदि न करें.
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