Dairy Farming Tips: पशुपालकों के लिये वरदान है मुर्रा भैंस, खरीदने पर 50% तक की सब्सिडी देगी सरकार
Dairy Farming Tips: मुर्रा भैंस की बात करें तो ये भैंस दिनभर में 12-16 लीटर दूध देती है. इसलिये इसके पोषण को ध्यान रखते हुये इसे संतुलित दाना देना बहुत जरूरी होता है.

Murrah Buffalo For Dairy Farming: भारत में ज्यादातर किसान अतिरिक्त आमदनी के लिये खेती के साथ-साथ गाय और भैंसपालन भी करते हैं. इसके जरिये उन्हें अच्छी मात्रा में दूध मिल जाता है और उस बेचकर वे अतिरिक्त आमदनी अर्जित कर लेते हैं. अगर बेहतर प्रजातियों की बात करें तो भारत में गाय और भैंस की कई दुधारी प्रजाति पाई जाती है. इनमें गाय की गिर नस्ल और भैंस की मुर्रा नस्ल दूध उत्पादन के लिये जानी जाती है. अगर बात करें भैंस की मुर्रा नस्ल के बारे में तो भारत के ज्यादातर इलाकों में पशुपालक इसका दूध को बेचकर अच्छी कमाई कर रहे है.
मुर्रा भैंस
यह भैंस की सबसे लोकप्रिय नस्ल है, जो हरियाणा के रोहतक, हिसार और जींद जिले के साथ-साथ पंजाब के पटियाला और नाभा में पाई जाती है. काले रंग की भैंस से एक ही व्यांत में 1600-1800 लीर दूध उत्पादन हो जाता है. जानकारी के लिये बता दें कि मुर्रा भैंस के दूध में वसा की 7 फीसदी मात्रा पाई जाती है. मुर्रा नस्ल को जल्दी पचने वाले चीजें और फलीदार चारा खुराक के रूप में दिया जाता है. हालाकिं अच्छे दूध उत्पादन के लिये मक्की, गेहूं, जौं, जई और बाजरा के दानों के साथ-साथ तेल बीजों की खल खिलाई जाती है. मुर्रा नस्ल की भैंस को साफ-सफाई से रख-रखाव की जरूरत होती है. ये नस्ल दिनभर में 12-16 लीटर दूध देती है.
देखभाल
भैंस चाहे किसी भी नस्ल की हो, जितन अच्छी उसकी देखभाल रहेगी, उतना ही ज्यादा लाभ पशुपालक ले पायेंगे
- मुर्रा भैंस की बात करें तो ये भैंस दिनभर में 12-16 लीटर दूध देती है. इसलिये इसके पोषण को ध्यान रखते हुये इसे संतुलित दाना देना बहुत जरूरी होता है.
- अच्छे दूध उत्पादन के लिये मुर्रा भैंस के स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है. इसलिये समय-समय पर पशुचिकित्सकों को दिखाना बेहतर रहता है.
- दूसरे पशुओं की तरह मुर्रा भैंस को भी रहने के लिये आरामदायक बाड़े की जरूरत पड़ती है. जिससे कि भैंस को सर्दी, गर्मी और बारिश की मार से बचाया जा सके.
- बाड़े में साफ-सफाई रखना बेहद जरूरी है. मच्छरों का प्रकोप होने पर बाड़े में मच्छरदानी भी लगा सकते हैं.
- बेहतर स्वास्थ्य वाली भैंस आपको अच्छा दूध उत्पादन करके देगी. लेकिन बरसाती मौसम में पशुओं को खुरपका-मुंहपका और गलघोंटू रोगों की संभावना बढ़ जाती है, जिससे बचाव के लिये उन्हें समय-समय पर टीके लगवायें और पेट की कीड़े की दवा देते रहें.
खरीद और आमदनी
मुर्रा नस्ल की भैंस की कीमत 1 लाख रुपये से अधिक होती है. कई किसान और पशुपालक ये भैंस खरीदकर डेयरी व्यवसाय शुरू कर सकते हैं. मुर्रा भैंस की खरीद के लिये कई राज्य सरकारें आर्थिक अनुदान भी दे रही हैं. सब्सिड़ी लागू होने के बाद मुर्रा भैंस को 50,000 रुपये में खरीदा जा सकता है. भारत सरकार द्वारा भी राष्ट्रीय गोकुल मिशन और पशु किसान क्रेडिट कार्ड पर पशुओं की खरीद के लिये सब्सिडी दी जा रही है.
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Source: IOCL






















