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Organic Farming: खाद-उर्वरक डालते समय ये गलतियां करते हैं किसान, इस बार ना दोहरायें

Fertilizer Management:उर्वरकों का अंधाधुंध इस्तेमाल पर्यावरण के साथ इंसानों की सेहत के लिए भी हानिकारक हो सकता है, इसीलिए कृषि विशेषज्ञों की सलाह पर संतुलित मात्रा में ही इनका प्रयोग करना चाहिए.

Precautions While Using Fertilizer: जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों (Climate Change) के कारण धरती अपनी उपजाऊ शक्ति होती जा रही है. इससे फसलों का उत्पादन (Crop Production in 2022) भी कम हो रहा है और किसान लगातार नुकसान में जा रहे हैं. इस समस्या से निपटने के लिए तरह-तरह के खाद-उर्वरकों (Fertilizer Management) का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इस्तेमाल का सही तरीका पता ना होने पर किसानों को दोबारा वही नुकसान भुगतना पड़ रहा है. इस बीच किसानों को चाहिए कि वह खाद-उर्वरकों के इस्तेमाल का सही समय और सही तरीका (Precaution for Fertilizer)  जान लें, ताकि उन्हें किसी भी तरह की जोखिम का सामना ना करना पड़े.

नाइट्रोजन उर्वरक
नाइट्रोजन उर्वरक (Nitrogen Fertilizer) का इस्तेमाल धान जैसी पारंपरिक फसलों में किया जाता है. कई किसान फसल पर सीधा नाइट्रोजन का छिड़काव करते हैं, जिससे फसल में विकृतियां पैदा होने लगती हैं. कृषि विशेषज्ञों की मानें तो मिट्टी की जांच के आधार पर ही इनकी संतुलित मात्रा का प्रयोग करना चाहिये. इसके अलावा, नाइट्रोजन के साथ-साथ फास्फोरस और पोटाश की भी कुछ मात्रा को शामिल करना चाहियये, जिसके लिये एनपीके मिश्रित उर्वरक का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है.

सही समय
खाद और उर्वरक खेत की तैयारी से लेकर फसलों के बेहतर उत्पादन तक अहम भूमिका अदा करते हैं. कुछ खाद-उर्वरकों का इस्तेमाल खेत की जुताई के समय, खेत की रोपाई के समय, फलत के समय और फसल में पोषण की कमी दिखने पर भी किया जाता है, ताकि पौधों को सही पोषण मिल सके. जैविक खाद का इस्तेमाल तो अच्छी मात्रा में किया जा सकता है, लेकिन रासायनिक उर्वरक या पोषक तत्वों का इस्तेमाल कृषि विशेषज्ञों की सलाह पर ही करना चाहिए. कभी-कभी अधिक उर्वरकों के इस्तेमाल के कारण फसल में विकृतियां पैदा हो जाती हैं. जिससे उसकी क्वालिटी खराब होती है और किसानों को फसलों का सही दाम नहीं मिल पाता..

नये खाद-उर्वरकों का छिड़काव
कुछ खाद उर्वरक जितने पुराने होते हैं, फसल और मिट्टी के लिये उतने ही फायदेमंद साबित हो सकते हैं, जैसे- गोबर की अच्छी साड़ी खाद का इस्तेमाल करने पर मिट्टी में जीवांशों की संख्या बढ़ती और पौधों की सही विकास होता है. वहीं जीवामृत समेत बाकी जैव उर्वरकों को ताजा बनाकर ही छिड़कने की सलाह ही जाती है. अगर बाजार से रसायनिक उर्वरक या पोषक तत्वों को खरीद रहे हैं तो पैकेट या बोरी के पीछे एक्सपायरी डेट देख कर ही खरीदें. इतना ही नहीं, इस्तेमाल के बाद भी खाद-उर्वरक या पोषक तत्वों के पैकेट को संभाल कर रखना चाहिए.

सही मात्रा
अकसर व्यवसायिक खेती (Commercial Farming) करने वाले किसान फसलों से अधिक उत्पादन लेने के चक्कर में अधिक खाद और उर्वरकों का इस्तेमाल करते हैं. इससे संसाधनों का व्यय तो होता ही है, साथ ही अतिरिक्त खर्चा भी सर पर पड़ता है. इतना ही नहीं, जरूरत से ज्यादा मात्रा में खाद-उर्वरकों का इस्तेमाल करने पर मिट्टी की संरचना बिगड़ती है और प्रदूषण भी बढ़ता है. कभी-कभी उर्वरकों के कारण (Harms of Fertilizer) भूजल स्तर भी गिरने लगता है. उर्वरकों (Fertilizer Spary) का अंधाधुंध इस्तेमाल पर्यावरण के साथ-साथ इंसानों की सेहत के लिए भी हानिकारक हो सकता है, इसीलिए कृषि विशेषज्ञों की सलाह पर संतुलित मात्रा में ही खाद और उर्वरकों (Fertilizer Use in Crop) का इस्तेमाल करना चाहिए.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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