![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
Chilli Prices: लाल मिर्च बिगाड़ेगी किचन का गणित, रेट्स में हुआ इतना ज्यादा इजाफा
Chilli Prices: लाल मिर्च की बढ़ती कीमतों के पीछे की वजह कहीं ना कहीं मिचुआंग चक्रवात भी है. चक्रवात के कारण लाल मिर्च की काफी फसल खराब हो गई थी.
![Chilli Prices: लाल मिर्च बिगाड़ेगी किचन का गणित, रेट्स में हुआ इतना ज्यादा इजाफा Chilli Rates increasing due to Crop Concerns and Export Demand know details in hindi Chilli Prices: लाल मिर्च बिगाड़ेगी किचन का गणित, रेट्स में हुआ इतना ज्यादा इजाफा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/02/12/38c2ee475d8b3c0d2cdcce5d8f7bf1851707747601988349_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Chilli Rates: कभी मसाले तो कभी सब्जियां और तो और कभी खाने वाला तेल कोई ना कोई सामान पिछले काफी समय से लोगों के किचन का बजट बिगाड़ने में लगे हुए हैं. लहसुन के बाद अब लाल मिर्च के दामों ने किचन के बजट का गणित बिगाड़ना शुरू कर दिया है. सूखी लाल मिर्च के भावों में काफी तेजी दर्ज की गई है. मिर्च के रेट्स में 20 से 25 फीसदी तक बढ़ोतरी दर्ज की गई है. विभिन्न रिपोर्ट्स के अनुसार इस स्थिति के चलते जिन राज्यों में लाल मिर्च की अधिक खेती होती है वहां के किसानों को तगड़ा मुनाफा प्राप्त होगा.
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो प्रमुख लाल मिर्च उत्पादक प्रदेश जैसे- आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के किसानों को बढ़ते मिर्च के दामों का फायदा मिलेगा. इस वजह से उनकी आमदनी भी बढ़ेगी. साथ ही मंडियों में फिलहाल सूखी लाल मिर्च की कीमत 150 रुपये प्रति किलो से लेकर करीब 190 रुपये प्रति किलो के बीच बनी हुई हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले वर्ष आए चक्रवात मिचुआंग के कारण आंध्र प्रदेश व तेलंगाना में लाल मिर्च की फसल को बेहद ज्यादा नुकसान हुआ था.
उत्पादन में गिरावट की उम्मीद
साथ ही साथ कर्नाटक में ज्यादा बारिश ना होने के चलते इसकी खेती के ऊपर असर पड़ा है. जिस वजह से लाल मिर्च के रकबे में इजाफे के बाद भी लाल मिर्च के उत्पादन में गिरावट की उम्मीद जताई जा रही है. ये ही कारण है कि इसकी डिमांड और निर्यात में मजबूती के कारण रेट्स में इजाफा हुआ है. 2022-23 के दौरान भारत की लाल मिर्च की फसल 20.59 लाख टन से ज्यादा होने का अनुमान लगाया जा रहा है, जिसमें आंध्र प्रदेश उत्पादन में अग्रणी है, उसके बाद तेलंगाना और मध्य प्रदेश हैं.
यह भी पढ़ें- आखिर किस वजह से बढ़ रहे हैं लहसुन के दाम, 300 का आंकड़ा भी जल्दी हो सकता है पार
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)