वक्फ की जमीन पर वोट की फसल?
2 अप्रैल यानी आज केंद्र सरकार लोकसभा में वक्फ (संशोधन) बिल 2024 को पेश करने के लिए तैयार है. सरकार ने इस बिल पर चर्चा करने का फैसला लिया है, जबकि विपक्ष ने इस बिल का विरोध करने का ऐलान किया है और वह विपक्ष वॉकआउट नहीं करेगा. विपक्षी दलों का कहना है कि सभी इंडिया ब्लॉक पार्टियां इस बिल को 'विफल' करने के लिए एकजुट हैं. विपक्ष इसे असंवैधानिक और मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ मानता है. माइनॉरिटी अफेयर्स मंत्री किरेन रिजिजू इस बिल को संशोधनों के साथ पेश करेंगे और इसके बाद सदन में इस पर बहस होगी. बहस के दौरान, रिजिजू सदन को संबोधित करेंगे और फिर बिल को पारित करने के लिए वोटिंग कराएंगे. यह बिल पिछले साल पेश किया गया था और इसके बाद इसे एक संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया था. अब यह बिल लोकसभा में चर्चा के लिए पेश किया जाएगा. करीब 40 बदलाव करना चाहती है सरकार विधेयक 2024 का एक प्रमुख उद्देश्य वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 करना है. केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड एक्ट में करीब 40 बदलाव करना चाहती है. एक अहम बदलाव वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों का प्रवेश हो सकता है. इसका मकसद महिलाओं और अन्य मुस्लिम समुदाय की सहभागिता को बढ़ाना है. साथ ही नए बिल में बोर्ड पर सरकार का नियंत्रण बढ़ाया जा सकता है.

























