अचानक प्लेटफॉर्म बदलने की वजह से छूट गई ट्रेन, क्या तब मिल सकता है रिफंड? जानें नियम
कई बार अचानक प्लेटफॉर्म बदलने की वजह से यात्री की ट्रेन छूट जाती है तो ऐसे में यात्री को घबराने की जरूरत नहीं है. क्योंकि रेलवे ऐसी हालत में रिफंड के लिए टिकट डिपॉजिट रिसिप्ट की व्यवस्था की है.

ट्रेन से यात्रा करने के दौरान कई बार ऐसा होता है कि यात्री समय पर स्टेशन पहुंच जाता है, टिकट भी कंफर्म होती है, लेकिन ट्रेन प्लेटफॉर्म बदलने या जानकारी देरी से मिलने की वजह से छूट जाती है. इसके बाद आमतौर पर लोग यह मान लेते हैं कि अब टिकट बेकार हो गया है और रिफंड नहीं मिलेगा. रेलवे के नियमों के अनुसार,ऐसे मामलों में यात्री को उसका पूरा पैसा वापस मिल सकता है. हालांकि इसमें गलती रेलवे की होनी चाहिए और आपको रिफंड के लिए सही प्रक्रिया अपनानी आनी चाहिए. चलिए तो आज हम आपको बताते हैं कि अचानक प्लेटफॉर्म बदलने से आपकी ट्रेन छूट गई है तो आपको रिफंड किन हालातों में मिलेगा और इसे लेकर रेलवे के नियम क्या कहते हैं.
समय पर पहुंचने के बाद छूट गई ट्रेन तो क्या मिलता है रिफंड?
भारतीय रेलवे के अनुसार सुबह 5 बजे चलने वाली ट्रेन के लिए अगर यात्री 4.55 बजे प्लेटफॉर्म पर पहुंच जाता है तो उसे ऑन टाइम माना जाता है. ऐसे में अगर ट्रेन अपने समय से पहले ही निकल जाए या बिना बताए अचानक किसी दूसरे प्लेटफॉर्म पर भेज दी जाए तो इसे रेलवे की गलती मानी जाती है. ऐसे मामलों में यात्री शिकायत करके मुआवजा या टिकट का पूरा रिफंड पाने के हकदार होते हैं.
कब-कब मिलता है रेलवे में रिफंड या मुआवजा?
- अगर ट्रेन अपने तय समय से पहले ही प्लेटफॉर्म छोड़ दें, जबकि यात्री समय पर स्टेशन पहुंच चुका हो तो यात्री को रिफंड या मुआवजा दिया जाता है.
- वहीं अगर ऑनलाइन टिकट बुक होने के बावजूद ट्रेन के समय में बदलाव की जानकारी एसएमएस या ईमेल से न मिले तो ऐसे में भी यात्री को रिफंड मिलता है.
- अगर बिना किसी घोषणा के ट्रेन को अचानक दूसरे प्लेटफॉर्म पर भेज दिया जाए और जानकारी न मिलने की वजह से यात्री ट्रेन न पकड़ सके, तो भी यात्री को रिफंड या मुआवजा दिया जाता है.
- ऐसे मामलों में यात्री railmadad.indianrailways.gov.in पर जाकर या 139 हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कर सकता है.
ट्रेन छूटने के बाद रिफंड की प्रक्रिया
कई बार अचानक प्लेटफॉर्म बदलने की वजह से यात्री की ट्रेन छूट जाती है तो ऐसे में यात्री गुस्से में टिकट फेंक देते हैं. लेकिन यात्री को ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए. क्योंकि रेलवे ऐसी हालत में रिफंड के लिए टीडीआर यानी टिकट डिपॉजिट रिसिप्ट की व्यवस्था की है. इसके जरिए यात्री यह बता सकते हैं कि उन्होंने यात्रा नहीं की और वह रिफंड चाहते हैं. ऐसे में ऑनलाइन बुकिंग वाले यात्री आईआरसीटीसी वेबसाइट या ऐप में जाकर माय बुकिंग से टीडीआर फाइल कर सकते हैं. वहीं काउंटर टिकट वाले यात्री स्टेशन के रिजर्वेशन ऑफिस में जाकर टीडीआर फॉर्म भर सकते हैं. ऐसे मामलों में आमतौर पर 7 से 21 दिनों में रिफंड मिल जाता है. हालांकि कुछ मामलों में तीन से चार दिन में ही रिफंड मिल जाता है.
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Source: IOCL
























