MMS वायरल करने पर कितनी मिलती है सजा, जानें BNS की किस धारा में होगा एक्शन?
2017 में सुप्रीम कोर्ट ने राइट टू प्राइवेसी यानी निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित किया था. ऐसे में किसी भी व्यक्ति की अनुमति के बिना उसका पर्सनल वीडियो शूट करना या वायरल करना कानूनन अपराध है.

सोशल मीडिया पर आए दिन सेलेब्स और इनफ्लुएंसर के पर्सनल वीडियो वायरल होने के मामले सामने आते हैं. कई बार यह वीडियो फेक या डीपफेक निकलते हैं, लेकिन कई मामलों में यह बिना अनुमति के बनाए गए पर्सनल वीडियो होते हैं. दरअसल हाल ही में सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर सोफिक एसके का पर्सनल वीडियो वायरल हुआ है. इसके बाद एक बार फिर यह सवाल उठने लगे हैं कि किसी का प्राइवेट वीडियो वायरल करने पर कानून क्या कहता है और इसके लिए कितनी सजा हो सकती है?
क्या है पूरा मामला?
सोशल मीडिया पर बंगाल के इनफ्लुएंसर सोफिक एसके उस समय चर्चा का विषय बन गए, जब उनका और उनकी गर्लफ्रेंड का पर्सनल वीडियो कई प्लेटफार्म पर वायरल हो गया. यह वीडियो सोशल मीडिया पर बुधवार (26 नवंबर) को वायरल हुआ. वीडियो वायरल होने के 15 से 16 मिनट के बाद ही सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह वीडियो तेजी से फैल गया. इसके बाद कुछ ही घंटे में सोफिक वायरल वीडियो जैसे सर्च शब्द भी तेजी से ट्रेंड करने लगे. कई सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को लेकर दावा कर रहे हैं कि यह असली लग रहा है. वहीं कुछ लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया और वीडियो के साथ छेड़छाड़ बताया है . कई लोगों का मानना है कि यह वीडियो एआई से बनाया गया है. हालांकि इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है कि वीडियो एआई से बनाया गया था या असली था.
MMS वायरल करने पर भारतीय कानून क्या कहता है?
2017 में सुप्रीम कोर्ट ने राइट टू प्राइवेसी यानी निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित किया था. ऐसे में किसी भी व्यक्ति की अनुमति के बिना उसका पर्सनल वीडियो शूट करना या वायरल करना कानूनन अपराध है. भारतीय कानून इस तरह के मामलों में सख्त कार्रवाई का प्रावधान करता है. वहीं अगर कोई शख्स किसी की मर्जी के खिलाफ उसका वीडियो बनाता है और फिर उसे वायरल करता है तो वह फिजिकल प्राइवेसी के उल्लंघन का दोषी माना जाता है. ऐसा करने पर व्यक्ति के ऊपर आईटी एक्ट 2000 की धारा 66e लगाई जाती है. इस धारा के अनुसार वीडियो वायरल करने वाले व्यक्ति को 3 साल तक की जेल और 2 लाख रुपये तक का जुर्माना देना पड़ता है. वहीं अगर कोई व्यक्ति किसी के फोटो या वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर उसे अश्लील रूप से एडिट करके वायरल करता है तो उसके खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत कार्रवाई की जाती है. इस धारा के अनुसार 3 साल की जेल और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाता है. इसके अलावा डीपफेक या एआई से बनाए गए अश्लील या छेड़छाड़ किए गए वीडियो पर भी आईटी एक्ट की धारा 66e और 67 के तहत केस दर्ज किया जा सकता है.
बीएनएस की धारा में और सख्त प्रावधान
1 जुलाई 2024 से लागू बीएनएस में महिलाओं की निजता की सुरक्षा को लेकर विशेष प्रावधान शामिल किए गए हैं. बीएनएस के अनुसार किसी महिला की निजी कंडीशन का बिना अनुमति फोटो या वीडियो बनाना और उसे फैलाना गंभीर अपराध माना गया है. ऐसे मामलों में बीएनएस की धारा 73 पुराने आईपीसी 354 जी की जगह लाई गई है. इसके तहत किसी भी महिला का प्राइवेट वीडियो या फोटो लेना या उसे किसी भी माध्यम से फैलाना अपराध है. वहीं इस धारा में साफ बताया गया है कि अपराधी पुरुष हो या महिला दोनों पर समान कार्रवाई होगी.
बीएनएस की धारा 73 में सजा
बीएनएस की धारा 73 के अनुसार पहली बार दोषी पाए जाने पर कम से कम 1 से 3 साल तक की कैद और जुर्माना लगाया जाता है. वहीं दूसरी बार दोषी पाए जाने पर 3 से 7 साल की कैद और जुर्माना लगाया जाता है. वहीं इस तरह के अपराध धारा 73 में गैर जमानती और असंज्ञेय माने जाते हैं यानी पुलिस बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है और जमानत मिलना भी आसान नहीं होता है.
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Source: IOCL
























