शिव-पार्वती की शादी वाली जगह होती है डेस्टिनेशन वेडिंग, ये है बुक करने का तरीका
Triyuginarayan Temple Booking: उत्तराखंड के इस मंदिर में हुई थी शिव-पार्वती की शादी. अगर आप भी करना चाहतें है शिव-पार्वती की शादी वाली जगह अपनी शादी. तो कर सकते हैं बुकिंग. चलिए बताते हैं कैसे.

Triyuginarayan Temple Booking: भारत में इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है. आपके आसपास भी रोज किसी न किसी की शादी हो ही रही होगी. शादी किसी के भी जीवन का एक बेहद अहम वक्त होता है. इसलिए लोग अपने इस मौके को बेहद स्पेशल बनाना चाहते हैं. इसके लिए लोग तरह-तरह की चीजें करते हैं. आजकल लोगों के बीच डेस्टिनेशन वेडिंग का भी काफी क्रेज चल रहा है. लोग देश के अलग-अलग शहरों में जाकर डेस्टिनेशन वेडिंग वेडिंग कर रहे हैं.
इनमें ज्यादातर जगहें राजस्थान, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में लोग ज्यादा जाना पसंद करते है. लेकिन इन दिनों लोग ऐतहासिक जगहों पर भी डेस्टिनेशन वेडिंग कर रहे हैं. इनमें भगवान शिव और माता पार्वती की शादी हुई उस जगह भी लोग जाकर शादी कर रहे हैं. अगर आप भी करना चाहतें है शिव-पार्वती की शादी वाली जगह अपनी शादी. तो कर सकते हैं बुकिंग. चलिए बताते हैं इसकी प्रोसेस.
त्रियुगीनारायण मंदिर में हुई शिव-पार्वती की शादी
शिव जी के बहुत से भक्त है. बहुत से लोग भगवान शिव में श्रद्धा रखते हैं. शिव-पार्वती की शादी को देश भर में महाशिवरात्रि के दिन के तौर पर मनाया जाता है. शिव-पार्वती की शादी की बात की जाए तो पौराणिक धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक हिमालय के मंदाकिनी क्षेत्र के इसी त्रियुगीनारायण मंदिर में शिव-पार्वती की शादी हुई थी. भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के इस मंदिर में जलने वाली अग्नि ज्योति के सामने भगवान शिव और माता पार्वती ने सात फेरे लिए थे. मान्यताओं के अनुसार मंदिर में जलने वाली ज्योति त्रेतायुग से जल रही है.
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कैसे कर सकते हैं इस मंदिर की बुकिंग?
साल 2018 में उत्तराखंड सरकार की ओर से रुद्रप्रयाग जिले में स्थित त्रियुगीनारायण मंदिर को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप शुरू किया. अगर आप भी यहां जाकर अपनी डेस्टिनेशन वेडिंग करना चाहते हैं. तो इसके लिए बुकिंग कर सकते हैं. इसके आपको मंदिर के पुरोहित समाज के ऑफिस जाकर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. इसके लिए आपको 1100 रुपये दिए चुकाने होंगे. इस मंदिर में शादी करने के लिए जोड़े को अपने-अपने माता-पिता की सहमति की जरूरत होगी.
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शादी करने वाले जोड़े को रजिस्ट्रेशन के दौरान अपना आधार नंबर और फोन नंबर देना होता है. इसके बाद मंदिर की समिति शादी का दिन और समय तय करती है. शुभ मुहूर्त में शादी की जाती है. सामान्य तौर पर महाशिवरात्रि के दिन शादी के लिए सबसे ज्यादा लोग रजिस्टर करवाते हैं.
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