Mahadangal with Chitra Tripathi: दिल्ली में 'P' पॉलिटिक्स से किसको रिस्क? | Delhi Election 2025
दिल्ली में जाति और समुदाय को लेकर चुनाव के एलान के बाद से ही लड़ाई चल रही है...पहले जाट समाज के आरक्षण को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी आमने-सामने आई...फिर पूर्वांचल के लोगों के अपमान पर दोनों में भिड़ंत हुई और अब पंजाबी समुदाय को लेकर दोनों पार्टियां लड़ रही हैं...वो पंजाबी समुदाय जिसकी आबादी दिल्ली में 20 से 22 प्रतिशत के क़रीब है और जो 20 सीटों पर जीत-हार तय करते हैं...इस लड़ाई की शुरुआत नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ़ BJP उम्मीदवार प्रवेश वर्मा की तरफ़ से एक शिकायत से शुरू हुई...प्रवेश वर्मा ने आरोप लगाया कि दिल्ली चुनाव में पंजाब सरकार की मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है...उन्होंने आरोप लगाया कि हज़ारों की संख्या में पंजाब के नंबर की गाड़ियां दिल्ली में घूम रही हैं...इसे उन्होंने 26 जनवरी को लेकर दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था से जोड़ दिया...प्रवेश वर्मा के बयान पर पलटवार करते हुए अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान ने इसे पंजाब और पंजाबियों के अपमान से जोड़ दिया है...आम आदमी पार्टी ने इस मामले में बीजेपी से माफ़ी की मांग की है...हालांकि इसके जवाब में प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल और मान के ख़िलाफ़ 100 करोड़ की मानहानि का केस करने का एलान किया है...इससे पहले कल बीजेपी के नेताओं ने भी आम आदमी पार्टी पर सिखों के अपमान का आरोप लगाया था...आम आदमी पार्टी के विधायक ऋतुराज झा ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी को बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं का रिश्तेदार बताया तो बीजेपी के सिख नेताओं ने इसे पूरे समाज का अपमान बताकर मोर्चा खोल दिया था...ऐसे में आज का सवाल ये कि दिल्ली में P पॉलिटिक्स यानी पूर्वांचली और पंजाबी पॉलिटिक्स से किसको रिस्क...क्या पंजाबियों का अपमान किया गया या फिर बिना बात घमासान चल रहा है...सवाल ये भी कि पूर्वांचली और पंजाबी वोटर इस बार दिल्ली में किसका बेड़ा पार करेंगे?






































