परिवार से नहीं मिला प्यार! अब कुत्तों के साथ वक्त बिताता है ये लड़का, भौंककर करता है बातें
8 साल का बच्चा इंसानों की तरह नहीं, बल्कि कुत्तों की तरह रहने लगा. वो भौंकता है, चार पैरों पर चलता है और कुत्तों के साथ ही खेलता है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उसकी मां और बड़े भाई ने उसे छोड़ दिया है.

परिवार से सहारा ना मिलने के बाद इंसान अकेला संघर्ष करता है. कुछ गलत राह पकड़ लेते हैं तो कुछ अच्छे इंसान बनकर सामने आते हैं. लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल एक मामले में परिवार से उपेक्षित ये बच्चा जानवर बन गया. जी हां, थाईलैंड के एक गांव से एक बहुत ही दुखी कर देने वाली कहानी सामने आई है. यहां एक 8 साल का बच्चा इंसानों की तरह नहीं, बल्कि कुत्तों की तरह रहने लगा. वो भौंकता है, चार पैरों पर चलता है और कुत्तों के साथ ही खेलता है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उसकी मां और बड़े भाई ने उसे बिल्कुल अकेला छोड़ दिया था.
कुत्तों के साथ रहता है लड़का, बोलता नहीं भौंकता है
ये मामला थाईलैंड के उत्तरादित नाम के इलाके का है. यहां एक स्कूल की प्रिंसिपल ने "फाउंडेशन फॉर चिल्ड्रन एंड वीमेन" नाम की संस्था को बताया कि एक बच्चा है जिसे उसकी मां और भाई ने बहुत समय से नजरअंदाज कर रखा है. वो बच्चा कभी स्कूल नहीं गया, न ही उसे ठीक से खाना मिला, न प्यार. उसकी मां ने एक बार उसे स्कूल लाया था, लेकिन सिर्फ किसी सरकारी फायदा पाने के लिए. उसका दाखिला भी नहीं कराया और फिर उसे छोड़ दिया. मां और भाई ने उसके साथ रहना, बात करना, खेलना सब बंद कर दिया. ऐसे में वो बच्चा अकेला पड़ गया. इंसानों से उसे कोई प्यार नहीं मिला तो वो पास के कुत्तों के साथ रहने लगा.
नशे की लत में डूबे हैं घर वाले
धीरे-धीरे उसने बोलना छोड़ दिया और भौंकना शुरू कर दिया. वो जैसे कुत्ते रहते हैं, वैसे ही चलने लगा, खाना खाने लगा और खेलने लगा. जांच में जो सामने आया, वो और भी चौंकाने वाला था. लड़के की मां जिसकी उम्र 46 साल है और उसका 23 साल का बड़ा भाई, दोनों ही नशे की लत में डूबे हुए थे. पुलिस ने जब दोनों की जांच की तो पता चला कि उनके शरीर में ड्रग्स थे.
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संस्था ने उठाया कदम, यूजर्स का मिला साथ
इन दोनों के लिए बच्चे की परवरिश कोई मायने नहीं रखती थी. वो सिर्फ इस बात की चिंता करते थे कि अगली बार उन्हें नशे का सामान कहां से मिलेगा. बच्चा ना स्कूल गया, ना किसी ने उसे गोद में लिया, ना दुलार किया. ऐसे में उसका सहारा बने गली के कुत्ते. हालांकि अब उसे संस्था वाले अपने साथ ले गए हैं, जहां उसे भाषा सिखाई जाएगी जिससे वो आगे पढ़ सके. यूजर्स भी मामले को जानकर हैरान है. एक यूजर ने लिखा...ऐसे परिवार से तो अनाथ रहना ही बेहतर है. एक और यूजर ने लिखा....एक दम सच्चे दोस्त मिले हैं भाई को.
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