EU ने Elon Musk के X पर लगाया 120 मिलियन यूरो का जुर्माना! जानें क्यों लगी रिकॉर्ड तोड़ पेनाल्टी
Elon Musk X: यूरोपीय संघ ने एलन मस्क के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बड़ा डिजिटल प्रहार करते हुए 120 मिलियन यूरो का भारी भरकम जुर्माना ठोका है.

Elon Musk X: यूरोपीय संघ ने एलन मस्क के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बड़ा डिजिटल प्रहार करते हुए 120 मिलियन यूरो का भारी भरकम जुर्माना ठोका है. EU अधिकारियों के अनुसार, प्लेटफॉर्म पर लागू डिजिटल नियमों का उल्लंघन होने से यूजर्स को स्कैम, गलत जानकारी और ऑनलाइन मैनिपुलेशन का खतरा बढ़ गया था.
DSA जांच का नतीजा
यूरोपीय आयोग ने यह फैसला दो साल लंबी जांच के बाद सुनाया. यह जांच डिजिटल सर्विसेज एक्ट (DSA) के तहत हुई थी जो 27 देशों वाले यूरोपीय संघ की एक कड़ी डिजिटल नीति है. इसका उद्देश्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करना है कि वे हानिकारक, भ्रामक और अवैध सामग्री को रोकने में ज्यादा जिम्मेदारी लें. DSA नियम तोड़ने पर भारी जुर्मानों का प्रावधान है जिसे X ने नजरअंदाज किया.
पारदर्शिता नियमों की तीन बड़ी चूक
आयोग के अनुसार X (पहले ट्विटर) ने पारदर्शिता से जुड़े कई नियम तोड़े. नीले टिक के डिजाइन को भ्रामक बताया गया जो यूजर्स को धोखे और ऑनलाइन हेरफेर के जोखिम में डाल सकता है. इसके अलावा विज्ञापन डाटाबेस से जुड़ी जानकारी को स्पष्ट और आसानी से उपलब्ध कराने में भी X विफल रहा.
यूरोपीय नियमों के अनुसार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को अपने सभी डिजिटल विज्ञापनों के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध करानी होती है किसने पैसे दिए, किसे टारगेट किया गया और किस उद्देश्य से विज्ञापन चलाया गया. लेकिन X का विज्ञापन डाटाबेस तकनीकी खामियों और लंबे एक्सेस डिले के कारण अधूरा और अस्पष्ट माना गया.
आयोग ने आरोप लगाया कि X रिसर्चर्स को डेटा तक पहुंचने में अनावश्यक बाधाएं डालता है जिससे ऑनलाइन स्कैम, फेक ऐड्स और गलत सूचनाओं की जांच मुश्किल होती है.
यूजर्स को गुमराह करना बर्दाश्त नहीं
EU की टेक सॉवरेनिटी और डिजिटल सुरक्षा की प्रभारी उपाध्यक्ष हेना विर्कुनेन ने बयान जारी करते हुए कहा कि यूजर्स को भ्रमित करना, विज्ञापन डेटा छिपाना और रिसर्चर्स को बाहर रखना EU के डिजिटल इकोसिस्टम में स्वीकार्य नहीं है.
DSA का मकसद ही यूजर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करना है और X ने इन नियमों की अनदेखी की. Elon Musk या कंपनी की ओर से इस फैसले पर कोई प्रतिक्रिया फिलहाल सामने नहीं आई है.
यह भी पढ़ें:
Grok का बड़ा कांड! लोगों के घरों के पते लीक, प्राइवेसी पर मंडरा गया सबसे बड़ा खतरा
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























