WhatsApp यूज करने वालों को लगा बड़ा झटका! ChatGPT इस्तेमाल नहीं करने देगी मेटा, जानें कारण
WhatsApp पर यूजर्स थर्ड-पार्टी AI चैटबॉट्स यूज नहीं कर पाएंगे. मेटा के इस फैसले के बाद यूजर्स के पास सिर्फ मेटा एआई को यूज करने का ऑप्शन बचेगा. नया फैसला अगले साल जनवरी में लागू होगा.

WhatsApp यूजर्स अब थर्ड-पार्टी AI चैटबॉट्स यूज नहीं कर पाएंगे. मेटा ने नया फैसला लेते हुए कहा है कि व्हाट्सऐप पर केवल मेटा AI असिस्टेंट ही यूज किया जा सकेगा और बाकी सभी थर्ड-पार्टी AI चैटबॉट्स का यूज बैन कर दिया जाएगा. इस फैसले से ओपनएआई और परप्लेक्स्टिी जैसी कंपनियों को बड़ा झटका लगेगा, जो AI की रेस में मेटा को टक्कर दे रही है. इसका मतलब यह हुआ कि यूजर्स अब व्हाट्सऐप पर केवल मेटा का AI चैटबॉट ही यूज कर पाएंगे.
कब लागू होगा नया फैसला?
मेटा का यह फैसला अगले साल 15 जनवरी से लागू होगा. यानी 15 जनवरी के बाद व्हाट्सऐप पर ChatGPT और परप्लेक्सिटी AI जैसे चैटबॉट ऑपरेट नहीं कर पाएंगे. इसके लिए मेटा ने WhatsApp Business API को अपडेट किया है. अपडेटेड पॉलिसी में कहा गया है कि अगर कोई कंपनी चैटबॉट को ही अपनी मेन सर्विस के तौर पर ऑफर करती है तो वह व्हाट्सऐप बिजनेस सॉल्यूशन को यूज नहीं कर सकती.
क्या बिजनेसेस पर पडे़गा असर?
मेटा ने साफ किया है कि इस फैसले से ट्रैवल कंपनियों और ई-कॉम ब्रांड्स समेत उन बिजनेसेस पर कोई असर नहीं पड़ेगा, जो ऑटोमेटेड कस्टम सर्विस बॉट्स और दूसरे लिमिटेड तरीकों से यूज कर रहे हैं. इस फैसले का सीधा असर उन AI स्टार्टअप्स पर पड़ेगा, जो व्हाट्सऐप के जरिए ग्राहकों को चैट-बेस्ड असिस्टेंट मुहैया करवा रहे हैं. मेटा का कहना है कि इस यह ट्रेंड उसके इंफ्रास्ट्रक्चर और सपोर्ट सिस्टम पर दबाव डाल रहा है.
मैसेज लिमिट भी सेट करेगी मेटा
स्पैम को रोकने के लिए व्हाट्सऐप एक नया कदम उठाने जा रही है. इसके तहत ऐसे लोगों को भेजे जाने वाले मैसेज पर मंथली लिमिट लग सकती है, जो रिप्लाई नहीं करते. यह फैसला बिजनेसेस के साथ-साथ यूजर्स पर भी लागू होगा. अगले कुछ हफ्तों में कई देशों में इसका ट्रायल शुरू हो जाएगा.
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Source: IOCL






















