बाढ़, आग और भूकंप में अब रेस्क्यू ऑपरेशन होगा और फास्ट, Jio ने IMC में दिखाया अपना इमरजेंसी रिस्पॉंस कम्युनिकेशन सिस्टम
अक्सर प्राकृतिक आपदाओं में कम्युनिकेशन सिस्टम के फेल होने की वजह से ग्राउंड जीरो पर मौजूद टीम्स को रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी आती है. सही तालमेल और कमांड न मिलने की वजह से कई बार लोगों की जान भी चली जाती है.
Jio Emergency Response communication system: जियो ने दिल्ली के प्रगति मैदान में चले रहे इंडियन मोबाइल कांग्रेस में अपने इमरजेंसी रिस्पॉंस कम्युनिकेशन सिस्टम को शोकेज किया है. इस डिवाइस की मदद से प्राकृतिक आपदाओं में बेहतर कम्युनिकेशन के माध्यम से लोगों की जान बचाई जा सकती है. जियो का ये डिवाइस एक तरह से NDRF समेत दूसरे जवानों के लिए प्राकृतिक आपदाओं के समय बैक सपोर्ट की तरह काम करेगा और इसकी मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन समय पर पूरा हो पाएगा. अक्सर आप सभी ने टीवी और हमारे माध्यम से ये खबरे पढ़ी होंगी कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सही कम्युनिकेशन न होने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी हो जाती है. ऐसे समय में वेस्ट किया गया हर एक सेकंड उधर लोगों की जान ले रहा होता है या उन्हें मुसीबत में धकेल रहा होता है.
इस सब समस्या से निपटने के लिए जियो ने इमरजेंसी रिस्पॉंस कम्युनिकेशन सिस्टम तैयार किया है जो सीधे सैटेलाइट से कनेक्टेड रहता है और किसी भी परिस्थिति में आपसी कनेक्शन को टूटने नहीं देता. जियो के ट्रू 5जी पर चलने वाला ये ‘इमरजेंसी रिस्पॉंस कम्युनिकेशन सिस्टम’ कई स्तरों पर कम्युनिकेशन को मजबूत करेगा. ऐसे समय में जब लोकल संचार व्यवस्था ठप्प पड़ जाती है, तब इस सिस्टम में सैटेलाइट से कनेक्टिड ‘कम्युनिकेश टॉवर ऑन व्हील’ होगा, जिसे कभी भी, कहीं भी और किसी भी स्थिती में तैनात किया जा सकता है. यानि कम्युनिकेशन में कोई रुकावट नहीं आएगी और टॉवर कहीं भी सेटअप किया जा सकेगा.
ऐप के माध्यम से ग्राउंड जीरो पर टीम्स रहेंगी कनेक्टेड
मदद पहुंचाने वाली टीमों के कमांड सेंटर के लिए, रिलायंस जियो ने ‘XR कंपेनियन’ नाम का एक पावरफुल ऐप डिजाइन किया है. इस ऐप के माध्यम से टीमें एक दूसरे से रीयल टाइम में कनेक्टेड रहेंगी. कमांड सेंटर में ऐप के जरिए वर्क डिस्ट्रीब्यूशन, टू-वे ऑडियो वीडियो कॉलिंग, इमरजेंसी एंबुलेंस कॉलिंग, टीम मूवमेंट और वर्क प्रोग्रेस रिपोर्ट पर रियल टाइम नजर रखी जा सकेगी. फिलहाल इस ऐप में एक साथ करीब 20 टीमों को कनेक्ट किया जा सकता है जिसे जरूरत पड़ने पर बढ़ाया भी जा सकता है.
ड्रोन के जरिए प्रभावित इलाकों की मिलेगी जानकारी
इमरजेंसी रिस्पॉंस कम्युनिकेशन सिस्टम के तहत दूर बैठे एनडीआरएफ या सहायता अधिकारी, 5G कनेक्टिड ड्रोन के जरिए दुर्गम स्थानों में हुए नुकसान का जायजा ले सकेंगे. इसके अलावा सहायताकर्मी आपस में बातचीत के लिए वॉयस एक्टिवेटेड 5G कनेक्टिड डिवाइस का इस्तेमाल करेंगे. हेलमेट पर माउंट हो जाने वाले इन 5G डिवाइस में कैमरा, फ्लैश लाइट और लेज़र बीम जैसी सुविधाएं हैं ताकी मदद जल्द से जल्द पहुचाई जा सके.
नेटवर्क स्लाइसिंग के जरिए बिना रुकावट के होगा कम्युनिकेशन
आपदा के दौरान Jio डिजिटल कम्युनिकेशन हाईवे पर नेटवर्क स्लाइसिंग के जरिए एक डेडिकेटेड और अत्यधिक सुरक्षित कम्युनिकेशन लेन बनाएगा ताकी आपदा संबंधित महत्वपूर्ण संचार आवश्यकताएं बिना किसी रूकावट के पूरी हो सकें. जियो ने यह इमरजेंसी रिस्पॉंस कम्युनिकेशन सिस्टम SES के साथ साझेदारी में बनाया है. आपदा चाहे कितनी भी भयानक हो, जियो का यह इमरजेंसी सिस्टम लोगों की जान बचाने में काफी मददगार साबित हो सकता है.
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