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अमेरिका में क्यों AI से दहशत में हैं लोग? 52% ने कहा तबाह हो जाएंगे, ट्रंप ले सकते हैं बड़ा फैसला

AI impact on US jobs 2025: AI के बढ़ते असर से अमेरिका में नौकरी जाने का डर गहरा गया है. देश के 52% कर्मचारी भविष्य को लेकर चिंतित है.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते प्रभाव से पूरी दुनिया में हलचल मच गई है, लेकिन इसका सबसे ज़्यादा असर अमेरिका के कर्मचारियों पर पड़ रहा है. हाल ही में प्यू की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि 52% अमेरिकी कर्मचारी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि AI के बढ़ते इस्तेमाल से उनका भविष्य तबाह हो सकता है. 

ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर क्यों इतने बड़े पैमाने पर लोग AI से डर रहे हैं और क्या इस डर को दूर करने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं?

AI के भविष्य को लेकर चिंता

Pew Research Center की तरफ से किए गए सर्वे में यह बात सामने आई कि 52% अमेरिकी कर्मचारियों को लगता है कि AI आने वाले वक्त में उनके रोजगार को खतरे में डाल सकता है. ये वही लोग हैं जो अपनी नौकरी को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं और अब उन्हें लगता है कि AI का बढ़ता प्रभाव उन्हें बेरोजगार कर सकता है. इतना ही नहीं, 32% लोग मानते हैं कि AI के कारण भविष्य में उनके लिए नौकरी के मौके घट सकते हैं.

उम्मीद और डर का मिश्रण
जबकि 36% कर्मचारी ऐसे भी हैं जिन्हें AI से कुछ उम्मीदें हैं और वे इसे अपने काम में सुधार की उम्मीद मानते हैं. वहीं 33% लोग इसे लेकर घबराए हुए हैं. यह मिलाजुला रिएक्शन इस बात का संकेत है कि लोग AI को लेकर न केवल उत्साहित हैं, बल्कि इसे लेकर कुछ अनिश्चितताएं भी महसूस करते हैं.

यहां पर एक बड़ा सवाल उठता है कि क्या AI वाकई में कामकाजी दुनिया में नौकरी की कमी को बढ़ावा देगा या फिर यह कर्मचारियों को बेहतर तरीके से काम करने का मौका देगा? इस बारे में विशेषज्ञों के बीच मतभेद हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि जितने लोग AI से डर रहे हैं, उतने ही लोग इसके फायदे को लेकर आशान्वित भी हैं.

आगे क्या होगा? ट्रंप का बड़ा फैसला

अब सवाल यह है कि अमेरिका में AI के बढ़ते प्रभाव पर राजनीतिक स्तर पर क्या प्रतिक्रिया होगी? अमेरिकी राजनीति में हमेशा से ही टेक्नोलॉजी और अर्थव्यवस्था के मुद्दे महत्वपूर्ण रहे हैं और ट्रंप जैसे नेता इस पर कोई न कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. ट्रंप ने अपने राष्ट्रपति पद के दौरान कई बार टेक्नोलॉजी और अर्थव्यवस्था के मुद्दों पर अपनी राय दी थी और यह मुमकिन है कि वे AI के इस्तेमाल पर कोई कड़ा कदम उठा सकते हैं.

कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि ट्रंप AI के बढ़ते प्रभाव से अमेरिकी श्रमिकों को बचाने के लिए नई नीतियां बना सकते हैं. वे AI की तकनीकी शक्ति को कंट्रोल करने और उसे रोजगार पर नकारात्मक असर डालने से रोकने के लिए कुछ कड़े नियम लागू कर सकते हैं. इससे न केवल अमेरिका के कामकाजी वर्ग को राहत मिल सकती है, बल्कि एक संदेश भी जाएगा कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सही दिशा में हो.

AI का बढ़ता प्रभाव अमेरिका में कामकाजी वर्ग के बीच दहशत और आशंका पैदा कर रहा है. जबकि कुछ लोग इसे अपने काम को बेहतर बनाने का अवसर मानते हैं, वहीं अधिकांश लोग इसे अपने भविष्य के लिए खतरे के रूप में देख रहे हैं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिकी सरकार और नेता जैसे डोनाल्ड ट्रंप किस तरह से इस संकट का समाधान निकालते हैं और AI के भविष्य को लेकर एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाते हैं. AI चाहे कितना भी अद्भुत क्यों न हो, अगर यह सही दिशा में नहीं उपयोग किया गया तो इसके नकारात्मक प्रभावों से कोई नहीं बच सकता.

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