धामी सरकार के इस फैसले की पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी की तारीफ, जानें क्या बोले कांग्रेस नेता
Uttarakhand News: धामी सरकार ने प्रदेश की स्कूलों की श्रीमद्भगवद्गीता का निर्णय लिया है. राज्य के माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ मुकुल कुमार सती ने सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को आदेश भेज दिया है.

उत्तराखंड सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों में एक नई पहल की है. अब हर दिन प्रार्थना सभा के दौरान भगवत गीता का एक श्लोक पढ़ जाएगा. यह आदेश राज्य के माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ मुकुल कुमार सती द्वारा सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को भेजा गया है. प्रदेश सरकार की इस पहल की पूर्व सीएम व कांग्रेस नेता हरीश रावत ने सराहना की है.
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि यह अच्छी बात है कि इस तरह से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि न केवल गीता, बल्कि सभी धर्म के ग्रंथ में कुछ ना कुछ अच्छा लिखा है और इन्हें पढ़ाया जाना चाहिए. यह पहले भी होता आया है लेकिन बिल्कुल पौंगा पंडित नहीं बनना चाहिए. जिस तरह से आज के समय में नई शिक्षा नीति के अनुसार किया जा रहा है इससे समाज को नुकसान होगा.
शासन की तरफ से जारी आदेश के अनुसार, छात्रों को श्लोक का अर्थ और उसका वैज्ञानिक महत्व भी समझाया जाएगा, ताकि वह केवल रटने की बजाय उसका सही अर्थ समझ सकें. इस पहल का मकसद आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति को भी समझाना है और छात्रों तक इस संस्कृति को पहुंचना है. इससे छात्रों के चरित्र निर्माण और नैतिक मूल्य तथा आत्मनिर्भरता और निर्णय क्षमता वैज्ञानिक सोच को मजबूती मिलेगी.
वीकेंड पर गीता के श्लोक पर होगी चर्चा
शासन की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, हर सप्ताह एक श्लोक ऑफ द वीक पे किया जाएगा जिसे स्कूल के नोटिस बोर्ड पर लिखा जाएगा. सप्ताह के अंत में उस श्लोक पर कक्षा में चर्चा की जाएगी और छात्रों से उसे पर प्रतिक्रिया भी ली जाएगी. शिक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वह समय-समय पर गीता के सिद्धांतों को छात्रों को पढ़ाएं जिससे उनका जीवन निर्माण हो सके.
गीता हमारे जीवन का सार है- सीएम धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से एबीपी लाइव से कहा कि गीता हमारे जीवन का सार है संस्कृत का हिस्सा है. गीता के श्लोक पढ़ना अच्छी बात है और हम चाहेंगे कि हमारी आने वाली पीढ़ी भी इसका अनुसरण करें, ताकि सभी को भागवत गीता का ज्ञान प्रोत हो. कलिकाल में भागवत गीता एक ऐसा ग्रंथ है जिसको पढ़ने से व्यक्ति अनशन में रहता है नियम ने रहता है, उसका आत्मबल बढ़ता है,और व्यक्ति न्यायप्रिय बनता है. भागवत गीता पढ़ने से हमारे बच्चों के अंदर अच्छे भाव आएंगे. हमारे पूर्वजों के द्वारा जो निर्मित काम है उनको आगे बढ़ाएंगे. बच्चे जिस क्षेत्र में जाएंगे उसमें अपना नाम रोशन करेंगे. बता दें कि उत्तराखंड के स्कूलों में अब भागवत गीता के श्लोक बच्चों को पढ़ाना शुरू किया जा चुका है.
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Source: IOCL