उत्तराखंड आबकारी नीति 2025 पर सरकार का स्पष्टीकरण, राजस्व नुकसान के दावे को बताया भ्रामक
Dehradun News: वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4439 करोड़ के लक्ष्य के विरुद्ध 4360 करोड़ की प्राप्ति (98.22%) हुई थी. चालू वर्ष 2025–26 हेतु 5060 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

उत्तराखंड में कुछ समाचार माध्यमों में यह भ्रामक रूप से प्रकाशित किया गया है कि उत्तराखंड की आबकारी नीति 2025 के कारण राज्य सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान हुआ है. यह दावा पूर्णतः असत्य एवं तथ्यों से परे है. आबकारी विभाग के अद्यतन आंकड़े दर्शाते हैं कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025–26 में राजस्व संग्रह की प्रवृत्ति सकारात्मक और स्थिर है, तथा वर्षांत तक राज्य को पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय अधिक राजस्व प्राप्त होने की संभावना है.
आबकारी आयुक्त अनुराधा पाल ने इस संबंध में स्पष्टीकरण देकर आंकड़े जारी किए हैं, उन्होंने ऐसे तथ्यों को आधारहीन बताते हुए विभाग की रिपोर्ट और आंकड़े देखने की अपील लोगों से की है.
98 फीसदी लक्ष्य हासिल
वित्तीय वर्ष 2024–25 में 4439 करोड़ के लक्ष्य के विरुद्ध 4360 करोड़ की प्राप्ति (98.22%) हुई थी. चालू वर्ष 2025–26 हेतु 5060 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो गत वर्ष की तुलना में 700 करोड़ अधिक है. सितंबर 2025 तक के रुझानों के अनुसार अनुमान है कि वर्षांत तक कुल लक्ष्य की प्राप्ति संभव है. VAT संग्रह में जो आंशिक कमी प्रारंभिक स्तर पर दिखाई दे रही है, वह मूल्य स्थिरीकरण नीति और मौसमी बिक्री चक्र के कारण है, न कि किसी नीति या गणना त्रुटि के कारण.
उत्तराखंड में वैट लागू
यह उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2023–24 में मदिरा पर VAT दर 20% से घटाकर 12% की गई थी, ताकि उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ न पड़े और राज्य में अवैध सस्ती शराब की आमद को रोका जा सके. उत्तर प्रदेश में मदिरा पर VAT लागू नहीं है, जबकि उत्तरप्रदेश का अधिनियम एवं व्यवस्थाएं यथावत उत्तराखंड में लागू हैं. राज्य में देशी विदेशी इम्पोर्टेन्ट बियर सभी प्रकार की शराब के मूल्य उत्तर प्रदेश सहित अपने सभी पड़ोसी राज्यों से पहले से ही अधिक हैं. अतः राज्य में मूल्य-संतुलन बनाए रखने और अवैध आपूर्ति पर नियंत्रण हेतु नीति में प्राविधान किये गए हैं.
शराब की बिक्री हुई ज्यादा
इस नीति का प्रत्यक्ष परिणाम यह हुआ है कि वैध बिक्री में वृद्धि हुई है. 20 अक्टूबर 2024–25 और 20 अक्टूबर 2025–26 के बीच राज्य में लगभग 3.2 लाख केस अधिक शराब की बिक्री दर्ज की गई है, जो 5.25% की वृद्धि को दर्शाती है. इस वृद्धि के आधार पर विभाग का अनुमान है कि वर्षांत तक राज्य को गत वर्ष की तुलना में लगभग 700 करोड़ अधिक राजस्व प्राप्त होगा.
विभाग का आकलन है कि VAT में यह आंशिक समायोजन बिक्री-वृद्धि से पूर्णतः संतुलित हो जाएगा और राज्य को शुद्ध राजस्व में सकारात्मक लाभ प्राप्त होगा. यह भी स्पष्ट किया जाता है कि सभी कर-दरें एवं संशोधन वित्त विभाग की अनुशंसा और राज्य मंत्रिमंडल की स्वीकृति से ही अधिसूचित किए गए हैं.
भ्रामक सूचना पर न करें यकीन
राज्य की आबकारी नीति 2025–26 राजस्व सुदृढ़ीकरण, मूल्य-संतुलन और पारदर्शिता की दिशा में एक सफल एवं उत्तरदायी कदम है. विभाग यह अपील करता है कि नागरिक एवं मीडिया किसी भी भ्रामक या अप्रमाणिक सूचना पर विश्वास न करें और सत्यापित जानकारी हेतु विभाग की वेबसाइट या जिला आबकारी कार्यालय से संपर्क करें.
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