मानसून के बाद चारधाम यात्रा में आई तेजी, 30 सितंबर को रिकॉर्ड श्रद्धालु ने किए दर्शन
Char Dham Yatra Uttarakhand: देव भूमि उत्तराखंड में हर साल बड़ी संख्या श्रद्धालु चार धाम यात्रा के लिए पहुंचते हैं. बारिश की वजह से सुस्त पड़ी दर्शन के रफ्तार में एक बार फिर तेजी तेजी आई है.
Uttarakhand News Today: उत्तराखंड में हर साल चारधाम यात्रा के लिए लाखों श्रद्धालुओं पहुंचते हैं. बारिश के मौसम में श्रद्धालुओं की आमद कम हो गई थी. हालांकि मानसून के थमते ही फिर से श्रद्धालुओं की आमद बढ़ गई है. हालिया प्रदेश सरकार के कुशल प्रबंधन और सुरक्षा इंतजामों के कारण यात्रियों का यात्रा के प्रति विश्वास बढ़ा है.
इस दौरान 30 सितंबर को 20 हजार 497 श्रद्धालु चारधाम के दर्शन करने पहुंचे. जिनमें सबसे अधिक 7 हजार 350 यात्री केदारनाथ धाम पहुंचे. अब तक इस सीजन में पवित्र चारधाम की यात्रा पर 38 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंच चुके हैं.
18 हजार लोगों को किया गया रेस्क्यू
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रियों की सुरक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बनाया है. जुलाई में केदारघाटी में आई प्राकृतिक आपदा के बावजूद, राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन में तत्परता दिखाते हुए फंसे यात्रियों और स्थानीय निवासियों को सुरक्षित निकाला था.
इस आपदा के दौरान करीब 18 हजार लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया और यात्रा मार्ग को बहाल किया गया. सरकार की इस तत्परता और व्यवस्थित प्रबंधन से यात्रियों का विश्वास सरकार के प्रति और गहरा हुआ है.
श्रद्धालुओं के लिए खास इंतजाम
सरकार ने यात्रा मार्ग पर सुरक्षा और सुविधा के लिए बड़े पैमाने पर इंतजाम किए हैं. यात्रियों के लिए 20 पार्किंग स्थल बनाए गए हैं, जिन्हें क्यूआर कोड आधारित प्रणाली से जोड़ा गया है. 850 सीसीटीवी और 8 ड्रोन यात्रा मार्ग पर निगरानी कर रहे हैं.
इसी तरह यात्रा को सुगम बनाने के लिए 56 पर्यटन सहायता केंद्र और 657 पर्यावरण मित्र तैनात किए गए हैं. स्वास्थ्य सेवाओं के तहत 50 स्क्रीनिंग कियोस्क, 156 एम्बुलेंस, 8 ब्लड बैंक और 26 चिकित्सा राहत पोस्ट स्थापित की गए हैं. इसके अलावा 49 स्थायी स्वास्थ्य सुविधाओं और 179 चिकित्सा अधिकारियों की तैनाती की गई है.
आपदा के बाद यात्रा बहाल
31 जुलाई की रात केदारघाटी में आई भीषण आपदा ने यात्रा को कुछ समय के लिए प्रभावित किया, लेकिन सरकार ने तेजी से राहत कार्य शुरू कर दिया. आपदा से निपटने के लिए सरकार की तत्परता की यात्रियों ने सराहना की.
पैदल यात्रा मार्ग को बहाल कर कुछ ही दिनों में यात्रा फिर से शुरू की गई. केदारनाथ धाम में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी संख्या उमड़ी और अक्टूबर और नवंबर के लिए भी भारी संख्या में पंजीकरण किया गया है. 30 सितंबर को कुल 22 हजार 244 श्रद्धालु हेमकुंड और गोमुख समेत चारधाम पहुंचे.
रिकॉर्ड बनाएगी यात्रा
इस साल 10 मई से शुरू हुई यात्रा अब तक रिकॉर्ड संख्या में यात्रियों को आकर्षित कर रही है. 30 सितंबर तक 38 लाख के करीब यात्री चारधाम यात्रा कर चुके हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या 56.13 लाख थी.
साल 2022 में 46.29 लाख और 2019 में 34.77 लाख श्रद्धालु यात्रा कर चुके थे. हालांकि, कोविड-19 महामारी के चलते साल 2020 और 2021 में यात्रा पर असर पड़ा था. हालांकि इस दौरान साल 2020 में 3.30 लाख और 2021 में 5.29 लाख यात्रियों ने चारधाम यात्रा की.
चारधाम यात्रा देरी से हुई थी शुरू
इस साल चारधाम यात्रा 17 दिन की देरी से शुरू हुई थी. पिछले साल 23 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते ही यात्रा का आरंभ हुआ था, लेकिन इस बार यात्रा 10 मई से शुरू हुई है. बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खुले.
केदारघाटी में आई आपदा से कुछ दिनों तक यात्रा प्रभावित रही, लेकिन सरकार की ओर से राहत और बचाव कार्य में कोई कसर नहीं छोड़ी गई. अब दूसरे चरण की यात्रा तेजी से आगे बढ़ रही है और आने वाले महीनों में यात्रियों की संख्या में और वृद्धि की उम्मीद है.
सीएम धामी ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि यात्रा को सुगम, सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के प्रयास जारी हैं. चारधाम यात्रा हमारी आर्थिकी से भी जुड़ी है और हर साल लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से यात्रा के लिए आते हैं.
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार उनकी सुरक्षा और सुविधा के लिए प्रतिबद्ध है. केदारघाटी की आपदा के बावजूद हमने यात्रा को शीघ्र बहाल किया और यात्रियों का उत्साह बना रहा. हमें भविष्य में यात्रा व्यवस्थाओं को और विस्तार देना होगा.
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