UP News: सपा की शिकायतों पर राज्य निर्वाचन आयोग बोला-एक भी मतदाता का शपथ पत्र मूलरूप में प्राप्त नहीं
UP News: उत्तर प्रदेश में राज्य निर्वाचन आयोग ने एक बार फिर सपा के दावों को गलत बताया है. आयोग की ओर से कहा गया है कि एक भी शपथ पत्र मूल रूप में प्राप्त नहीं हुआ है.

उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में 18,000 वोट हटाए या काटे जाने के समाजवादी पार्टी के आरोपों पर राज्य निर्वाचन आयोग ने एक बार फिर स्पष्टीकरण जारी किया है. आयोग का कहना है कि एक भी शपथ पत्र मूल रूप में नहीं मिला है, स्कैन की गईं कॉपियां जरूर मिलीं हैं. जिनमें से कुछ की जांच पूरी हो चुकी है और कुछ की जारी है.
सोशल मीडिया साइट एक्स पर राज्य निर्वाचन आयोग ने सपा मीडिया सेल की एक पोस्ट का जवाब देते हुए लिखा कि 18 हज़ार शपथ पत्रों के साथ की गई शिकायत का जो उल्लेख बार बार किया जा रहा है उसके संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि एक भी मतदाता का शपथ पत्र मूलरूप में प्राप्त नहीं हुआ है . ईमेल के माध्यम से समाजवादी पार्टी द्वारा जो शिकायत की गई है उसमें लगभग 3919 अलग अलग नाम के व्यक्तियों के शपथ पत्रों की scanned copies अवश्य प्राप्त हुई हैं.
राज्य निर्वाचन आयोग ने लिखा कि शिकायत 33 ज़िलों के 74 विधानसभा क्षेत्रों से संबंधित है. 5 विधानसभा क्षेत्रों से संबंधित शिकायत की जाँच पूर्ण हो चुकी है और X के माध्यम से आम जनता के समक्ष जाँच के निष्कर्ष को प्रस्तुत भी किया जा चुका है. अभी तक जिन पाँच विधानसभा क्षेत्रों की जाँच सम्पन्न हुई है उनमें यह पाया गया है के ऐसे कतिपय व्यक्तियों के नाम से माह नवम्बर 2022 में शपथ पत्र बने हैं जिनकी मृत्यु वर्ष 2022 से कई साल पूर्व हो चुकी थी. कतिपय व्यक्तियों ने अपने नाम से बने शपथ पत्र की scanned copy को दिखाने पर ऐसा कोई भी शपथ पत्र देने से स्पष्ट इंकार कर दिया है. उल्लेखनीय है कि कानूनन ग़लत साक्ष्य दिया जाना एक अपराध माना जाता है.
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दरअसल, सोमवार 25 अगस्त 2025 को सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में सपा के मीडिया सेल द्वारा लिखा गया- 2022 का पूरा विधानसभा चुनाव, सभी उपचुनाव भाजपा सत्ता की मिलीभगत, इशारे पर लूटे गए और धृतराष्ट्र की भांति चुनाव आयोग भाजपाई बेइमानी के मूक समर्थन में बेइमानियों में संलिप्त रहा. क्या कार्यवाही हुई उन 18 हजार से अधिक एफिडेविट और जनता द्वारा बयां की गई शिकायतों पर? उल्टा शिकायतकर्ताओं को धमकाने की सूचनाएं भी मिलीं जो कि बेहद शर्मनाक हैं. जनता का भरोसा चुनाव आयोग से पूरी तरह से उठ चुका है और जनता ने मान लिया है कि चुनाव आयोग भाजपा पार्टी का ही एक अंग है एवं चुनावी भाजपाई बेइमानियों का हिस्सा है. इस पोस्ट में जवाब में यूपी राज्य निर्वाचन आयोग ने उपरोक्त प्रतिक्रिया दी.
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