Pilibhit News: पीलीभीत की जेल में तैनात सिपाही को दिखा भूत! रात भर गश्त करती रही पुलिस
UP News: पीलीभीत के जिला कारागार कैंपस के गेट संख्या 2 के मिलाई गेट पर तैनात सिपाही को कथित तौर पर आत्मा दिखी जिसके बाद यहां हड़कंप मच गया है.
Pilibhit Jail News: पीलीभीत के जिला कारागार कैम्पस के मिलाई गेट की बेंच पर बैठी कथित आत्मा का फोटो तेजी से वायरल हो रहा है. जिसके बाद जिला कारागार में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों में दहशत का माहौल बन गया. सूचना पर डिप्टी जेलर राघवेंद्र ने सिपाहियों के साथ मौके पर जाकर काफी देर निरीक्षण के बाद रात्रि गश्त की और चौकन्ना कर सुरक्षा बढ़ा दी. वहीं पूरे मामले को लेकर जेल अधीक्षक संजय राय ने वायरल फोटो की बात पर अफवाह बताया और मामले को टालते नजर आए.
शुक्रवार रात 12 बजे दिखी कथित आत्मा!
दरअसल, बीती रात शुक्रवार को रात करीब साढ़े 12 बजे के दौरान जिला कारागार मिलाई गेट नं 2 पर तैनात सिपाही को कथित तौर पर सामने की बेंच पर किसी परछाई के आकार रूप में बेंच पर आत्मा नजर आई. जिसकी फोटो ड्यूटी पर तैनात सिपाही ने मोबाइल से खींच कर अपने साथी सुरक्षाकर्मियों सहित अपने जिला कारागार जेल अधीक्षक और डिप्टी जेलर को भेजा और उन्हें पूरे मामले से जानकारी दी. जिसके बाद बेंच पर बैठी कथित आत्मा की फोटो वायरल हो गई. फोटो वायरल होने के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मंच गया.
सूचना पर पहुंचे डिप्टी जेलर
सूचना पर पहुंचे डिप्टी जेलर राघवेंद्र ने अपने तैनात सिपाहियों के साथ मौके पर जाकर आस-पास घटना स्थल का निरीक्षण कर काफी देर तक उस आत्मा की तलाश की लेकिन मौके पर वहां कुछ नजर नहीं आया. जिसके बाद घटना स्थल के पास पर कड़ी सुरक्षा के साथ रोशनी की भरपूर व्यवस्था कर दी गई. फिलहाल जिला कारागार परिसर के बाहर गेट पर कथित आत्मा की खबर फैलने के बाद इलाके में दहशत का माहौल है. यह घटना पुलिस कर्मियों के बीच काफी चर्चा का विषय बना हुई है. पूरी घटना को जेल अधीक्षक ने अफवाह बताया है. उन्होंने इस तरह के आत्मा को लेकर विश्वास न करने की बात कही है. अफवाह की घटना के बाद मौके पर सुरक्षा के साथ ही रात में रोशनी को लेकर लाइटिंग व्यवस्था बढ़ा दी है.
बीते दिनों भी जिला कारागार कैम्पस रहा है चर्चा का विषय
दरअसल, पीलीभीत जिला कारागार में आए तीन तत्कालीन जेल अधीक्षकों की अलग-अलग कारणों से मौत हो गई थी. जिसके बाद जिला कारागार कैंपस में स्थित जेल अधीक्षक के बंगले में कई नए जेल अधीक्षक ठहरने को तैयार नहीं होते थे. इस लोगों को अलग से कैंपस में निवास दिया गया. हालांकि उसी जेल अधीक्षक के पुराने निवास में कारागार में तैनात सिपाहियों ने रहना शुरु कर दिया था.