Kanpur News: नगर निगम अधिकारियों की मेहरबानी, मृत संवर्ग में खेल कर टीचर बनाया, फिर प्रमोशन देकर कॉलेज का प्रिंसिपल
Kanpur News: नगर निगम में भर्ती घोटाले के बीच एक और खुलासा हुआ है जहां मृत संवर्ग में खेल कर टीचर बना दिया गया और फिर प्रोमोशन देकर प्रिंसिपल तक बना दिया. ये मामला अब अफसरों के गले की फांस बन गया है.

Kanpur News: कानपुर नगर निगम (Kanpur Municipal Corporation) में अफसरों की मिलीभगत के चलते बच्चों की शिक्षा के साथ जमकर खिलवाड़ किया गया. भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हुए अयोग्य टीचरों की जमकर नियुक्तियां की गई और आउट सोर्स कंपनी JTN के माध्यम से रिश्तेदारों की नियुक्तियां करते हुए शिक्षा व्यवस्था से मजाक किया गया. एबीपी गंगा के खुलासे के बाद साफ हो गया है कि सभी मानकों को ताक पर रखकर सालों से इस तरह टीचरों की भर्तियां की जा रही है. इस बीच एक और नए मामले ने नगर निगम के अधिकारियों की पोल खोल कर रख दी है. ताजा मामला डीपीएस इंटर कॉलेज नवाबगंज का है जहां के प्रधानाचार्य नंदकिशोर मिश्रा की नियुक्ति पर सवाल उठ रहे हैं.
जानिए पूरा मामला?
नंदकिशोर मिश्रा की नियुक्ति साल 1991 में की गई थी, जिसे लेकर बवाल बढ़ गया है. एबीपी गंगा के पास जो दस्तावेज हैं उनसे खुलासा हुआ है कि नंदकिशोर मिश्रा की भर्ती CT ग्रेड में की गई लेकिन उसे उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दो साल पहले ही मृत संवर्ग घोषित कर दिया गया था. ऐसे में उनकी नियुक्ति शून्य हो जाती है. लेकिन नगर निगम ने नंदकिशोर मिश्रा की भर्ती को CT ग्रेड नहीं बल्कि एलटी ग्रेड में साल 1991 में अपने दस्तावेजों में बताया है जिसके बाद बड़े सवाल खड़े हो गए हैं.
मानकों को ताक पर रखकर हुई भर्ती
आरोप है कि नंदकिशोर मिश्रा सीटी ग्रेड व्यायाम शिक्षक के पद पर 22 अक्टूबर 1991 को भर्ती किए गए थे लेकिन इनकी भर्ती एलटी ग्रेड में इसी दिनांक को नगर निगम के कागजात में दिखाई गई. मानक यह भी कहते हैं कि व्यायाम शिक्षक प्रधानाचार्य नहीं बनाया जा सकता लेकिन मानकों को दरकिनार करते हुए आज भी नंदकिशोर मिश्रा डीपीएस इंटर कॉलेज के प्राचार्य पद पर कार्य कर रहे हैं. नंदकिशोर मिश्रा का 1998 में प्रमोशन हुआ जबकि प्रवक्ताओं की वरिष्ठता सूची की क्रम संख्या दो में वास्तविकता को छिपाकर स्थायीकरण तिथि 14 गई है जो गंभीर मामला है और जांच का विषय भी.
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नगर आयुक्त ने तलब की रिपोर्ट
हालांकि इस मामले में भी नगर निगम के अधिकारी ज्यादा कुछ बोलने के मूड में नहीं दिखते और जांच की बात कर रहे हैं. मामला सामने आने के बाद नगर आयुक्त ने इस पूरे मामले में 7 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट तलब की है इस पूरे गंभीर मसले की जांच अपर नगर आयुक्त सूर्यकांत त्रिपाठी कर रहे हैं और अब सभी को इसकी जांच रिपोर्ट का इंतज़ार है.
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