लखनऊ में बीजेपी, सपा और कांग्रेस ने किया एकजुट होकर विरोध, इंस्पेक्टर ठाकुरगंज श्रीकांत राय लाइन हाजिर
बैठक महापौर सुषमा खर्कवाल की तरफ से बुलाई गई थी. मौके पर पार्षदों ने रोड लेंथ ओर सर्वे प्रक्रिया पर सवाल उठाया है.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित ठाकुरगंज में एक युवक के नाले में गिरकर मरने के मामले में लखनऊ नगर निगम में 85 से अधिक पार्षद हंगामा कर रहे हैं. प्रदर्शन में भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के पार्षद शामिल हैं. सभी रैमकी कंपनी को ठेका देने का विरोध कर रहे हैं. विरोध होने पर महापौर सुषमा खर्कवाल और नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह निगम मुख्यालय से चले गए. हंगामे से पहले सभी पार्षद, महापौर और नगर निगम अधिकारियों साथ बैठक चल रही थी.
बैठक महापौर सुषमा खर्कवाल की तरफ से बुलाई गई थी. मौके पर पार्षदों ने रोड लेंथ ओर सर्वे प्रक्रिया पर सवाल उठाया है. पार्षदों का दावा है कि महापौर ने रोड लेंथ का सर्वे कराने का आश्वासन दिया. इसके बाद बैठक खत्म हुई, लेकिन पार्षदों की बात नहीं सुनने पर हंगामा शुरू हो गया. पार्षदों का आरोप है कि नगर निगम के अधिकारी रैमकी के लिए एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं.
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उधर, नाले में गिरकर युवक की मौत के मामले पर स्थानीय पार्षद सीबी सिंह पर मुकदमा दर्ज करने वाले इंस्पेक्टर ठाकुरगंज श्रीकांत राय को लाइन हाजिर किया गया है. पार्षद पर मुकदमा दर्ज करने के बाद नगर निगम मुख्यालय पर कई पार्षदों ने धरना दिया था. मेयर सुषमा खर्कवाल ने मेयर को 24 घण्टे के अंदर इंस्पेक्टर को बर्खास्त करने की बात कही थी. मेयर और पार्षद के अनुसार मुकदमा गैर संविधानिक तरीके से लिखा गया. मामले पर करवाई करते हुए लखनऊ पुलिस ने इंस्पेक्टर ठाकुरगंज को लाइन हाजिर करते हुए पुलिस लाइन भेज दिया है. घटना के शाम पुलिस ने हल्का बल का प्रयोग कर भीड़ को खदेड़ा था जिसमे मृतक सुरेश की पत्नी को चोट आई थी.
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