UP MLC Election 2022: यूपी विधान परिषद चुनाव में दो सपा उम्मीदवारों के पर्चे खारिज, बीजेपी को मिलेगा फायदा
यूपी विधानसभा चुनाव के बाद अब सभी की नजर एमएलसी यानी विधान परिषद के चुनाव पर हैं. वहीं मथुरा-एटा-मैनपुरी सीटों पर सपा के दो उम्मीदवारों के पर्चे खारिज होने के बाद बीजेपी की जीत तय मानी जा रही है.
UP MLC Election 2022: स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से उत्तर प्रदेश विधान परिषद के निर्वाचन में नामांकन पत्रों की जांच के दौरान समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के दो उम्मीदवारों का नामांकन निरस्त हो गया है. वहीं सपा के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (Rashtriya Lok Dal) की एक उम्मीदवार ने भी अपना नामांकन वापस ले लिया है. इस कारण संबंधित सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ( Bhartiya Janta Party) के उम्मीदवारों की निर्विरोध जीत का मार्ग प्रशस्त हो गया है.
एक निर्दलीय के अलावा सपा के दो उम्मीदवारों के नामांकन हुए खारिज
वहीं इस संबंध में अधिकारियों ने बताया कि जांच प्रक्रिया के दौरान एक निर्दलीय के अलावा सपा उम्मीदवार उदयवीर सिंह और राकेश यादव के नामांकन पत्र भी खारिज कर दिए गए थे. अधिकारियों ने बताया कि तीनों के नामांकन पत्र में कुछ खामियां थीं और निर्वाचन अधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल ने उन्हें खारिज कर दिया.
सपा उम्मीदवारों के नामांकन से बीजेपी की जीत का रास्ता हुआ साफ
बता दें कि समाजवादी पार्टी ने मथुरा-एटा-मैनपुरी स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्रों से उदयवीर सिंह और राकेश यादव को मैदान में उतारा था. उनके नामांकन रद्द होने से दोनों सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवारों की निर्विरोध जीत का रास्ता साफ हो गया है. गौरतलब है कि बीजेपी ने इन दोनों सीटों पर क्रमश: आशीष यादव और ओमप्रकाश सिंह को उम्मीदवार बनाया है जिनकी निर्विरोध जीत तय मानी जा रही है. हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा 24 मार्च को प्रक्रिया पूरी होने के बाद की जाएगी.
बुलंदशहर सीट पर भी बीजेपी की जीत तय
इसी तरह बुलंदशहर सीट भी बीजेपी के पाले में जाना लगभग तय हो गया है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय की 36 सीटों पर होने वाले विधान परिषद चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने 34 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि बुलंदशहर और मेरठ-गाजियाबाद सीटें अपने सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को दी हैं. बुलंदशहर सीट के लिए चार प्रत्याशी मैदान में थे. इनमें बीजेपी ने नरेन्द्र भाटी और रालोद ने सुनीता को उम्मीदवार बनाया था जबकि दो लोगों जगमाल और दानवीर सिंह ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार नामांकन दाखिल किया था. नामांकन पत्रों की जांच के बाद निर्दलीय उम्मीदवारों-जगमाल और दानवीर का नामांकन निरस्त कर दिया गया है और रालोद उम्मीदवार सुनीता ने अपना नामांकन वापस ले लिया है. ऐसे में बीजेपी के उम्मीदवार नरेन्द्र भाटी का निर्विरोध विधान परिषद पहुंचना लगभग तय है.
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर उठाए सवाल
वहीं इस बीच, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में सपा उम्मीदवारों को पुलिस की मौजूदगी में एटा में कलेक्ट्रेट परिसर में प्रवेश करने से रोका जा रहा है और पृष्ठभूमि में गालियां सुनाई दे रही हैं. यादव ने इसी ट्वीट में कहा, ‘‘भाजपा राज में लोकतंत्र की रक्षा की अपेक्षा करना...दिन में तारे ढूंढना है. ये बाहुबल का घोर निंदनीय रूप है, या तो पर्चा नहीं भरने दिया जाएगा या चुनाव को प्रभावित किया जाएगा या परिणामों को. हार का डर ही जनमत को कुचलना है.''
9 अप्रैल को होने हैं विधान परिषद के लिए मतदान
गौरतलब है कि नौ अप्रैल को होने वाले राज्य विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से 36 सीट के लिए बीजेपी और समाजवादी पार्टी एक बार फिर आमने-सामने हैं. कांग्रेस और बसपा ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं जिससे बीजेपी और सपा के बीच सीधा मुकाबला है. विधान परिषद की सीट के लिए नौ अप्रैल को मतदान होगा और मतगणना 12 अप्रैल को होगी.
सपा प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर की ये शिकायत
वहीं समाजवादी पार्टी की ओर से मंगलवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल आदि के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन देकर मथुरा-एटा-मैनपुरी स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र के लिए सपा के प्रत्याशी उदयवीर सिंह एवं राकेश यादव को जिला एवं पुलिस प्रशासन द्वारा बंधक बना लिये जाने, सपा कार्यकर्ताओं पर भाजपा के गुंडों द्वारा पथराव किये जाने, सपा के दोनों प्रत्याशियों का नामांकन पत्र खारिज किये जाने की साजिश के विरुद्ध शिकायत की है एवं तत्काल सख्त कार्यवाही की मांग की है.
सपा प्रतिनिधिमण्डल ने की ये मांग
इसके साथ ही सपा प्रतिनिधिमण्डल ने मांग की है कि उपरोक्त शिकायत को संज्ञान में लेकर तत्काल सशस्त्र पुलिस की अभिरक्षा में दोनों प्रत्याशियों को नामांकन कक्ष तक पहुंचाने, उनका नामांकन कराने तथा उनकी कड़ी सुरक्षा की तत्काल व्यवस्था की जाये, जिससे दोनों प्रत्याशी अपना नामांकन दाखिल कर सके और स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं निर्भीक चुनाव सम्पन्न हो सके. इसके साथ ही नामांकन प्रक्रिया दोबारा शुरू की जाये.
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