'नई शिक्षा नीति का हो रहा है पालन', यूपी में स्कूल विलय के फैसले पर बोले संदीप सिंह
UP News: यूपी में सरकारी स्कूलों के मर्जर की प्रक्रिया शुरू हो गई है हलांकि इस मामले पर काफी राजनीति भी हुई है. इस बीच शिक्षा मंत्री ने इसको लेकर जानकारी दी है.

यूपी में पिछले कुछ दिनों से प्राथमिक विद्यालयों के पेयरिंग के फैसले को लेकर राजनीति चल रही थी जिसके बाद आज विभाग के मंत्री ने इस विषय से जुड़े सारे तथ्य सामने रखे. बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में चल रही स्कूल पेयरिंग प्रक्रिया कोई नया निर्णय नहीं है.
बल्कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत लिया गया एक दूरदर्शी और सुव्यवस्थित फैसला है. उन्होंने साफ किया कि बच्चों की गुणवत्ता वाली शिक्षा और बेहतर संसाधन मुहैया कराने के उद्देश्य से यह कार्य किया जा रहा है.
नई शिक्षा नीति का हो रहा है पालन
संदीप सिंह ने बताया कि पिछले आठ वर्षों में बेसिक शिक्षा विभाग में NEP के अनुपालन में काम हुआ है. 2017 से पहले परिषदीय स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की स्थिति दयनीय थी, लेकिन अब 11,500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 19 अलग-अलग मानकों पर सुधार कार्य किया गया है.
संदीप सिंह ने बताया कि पेयरिंग पर 2024 से व्यापक विचार-विमर्श शुरू हुआ. विभिन्न जिलों से इनपुट लिए गए और कई बैठकें आयोजित की गईं. उन्होंने यह भी कहा कि यूपी पहला राज्य नहीं है, जहां यह मॉडल अपनाया गया है.उन्होंने कहा इसके पहले राजस्थान में 20,000 स्कूल, मध्यप्रदेश में पहले चरण में 36,000 स्कूल, ओडिशा में 1,200 स्कूल और हिमाचल प्रदेश में भी स्कूलों का पेयरिंग किया गया है.
इतने स्कूलों को पेयर किया जा चुका है
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में अब तक लगभग 10,000 विद्यालयों को पेयर किया जा चुका है. कम छात्रसंख्या वाले स्कूलों को 1 किलोमीटर के भीतर मौजूद स्कूलों में मर्ज किया जा रहा है ताकि छात्र-शिक्षक अनुपात को संतुलित किया जा सके.
उन्होंने कहा कि इस वक्त राज्य में कुल 1,32,886 परिषदीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं, और सभी विद्यालय यथावत रहेंगे. जहां छात्रों को असुविधा हो रही है, वहां स्कूलों को अनपेयर भी किया जा रहा है.
15 अगस्त शुरू होंगी बाल वाटिकाएं
मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया में किसी भी शिक्षक का पद समाप्त नहीं किया जाएगा. वहीं पेयरिंग के बाद जो स्कूल भवन खाली हुए हैं, उन सभी में प्री-प्राइमरी (बाल वाटिका) खोली जाएगी. जहां 3-4 वर्ष, 4-5 वर्ष और 5-6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए नया पाठ्यक्रम भी तैयार किया गया है. 15 अगस्त तक सभी बाल वाटिकाएं शुरू कर दी जाएंगी.
पीडीए पाठशाला पर कसा तंज
PDA पाठशालाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री ने कहा कि ये वे लोग चला रहे हैं, जिन्हें जब शासन करने का अवसर मिला, तो उन्होंने शिक्षा के लिए कुछ नहीं किया. अब वही लोग नाटक कर रहे हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल में कोई ठोस काम नहीं किया.
संदीप सिंह ने दोहराया कि बच्चों को बेहतर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है और पेयरिंग उसी दिशा में उठाया गया ठोस कदम है. यह कार्य अगले एक सप्ताह में पूर्ण कर लिया जाएगा.
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