CM योगी ने गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व पर लोगों को दी बधाई, कहा- मानवता के कल्याण के लिए प्रकट हुआ प्रकाश पुंज
आज देश गुरु नानक जयंती मना रहा है. इस मौके पर यूपी के CM योगीआदित्यनाथ ने भी गुरु नानक देव जी के पावन प्रकाश पर्व पर लोगों को बधाई दी है. उन्होंने कहा, आज गुरु नानक देव जी के पावन प्रकाश उत्सव है.
Guru Nanak Jayanti 2022: आज देश गुरु नानक जयंती मना रहा है. सिख धर्म के अनुयायियों के लिए यह जयंती काफी खास होती है. इसे प्रकाश उत्सव या गुरु पर्व भी कहा जाता है. गुरु नानक जी सिख धर्म के संस्थापक और पहले सिख गुरु थे. उनका जन्म साल 1469 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था. इसलिए हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु नानक जयंती पूरी दुनिया में मनाई जाती है. इस मौके पर यूपी के CM योगी आदित्यनाथ ने भी गुरु नानक देव जी के पावन प्रकाश पर्व पर लोगों को बधाई दी है. उन्होंने कहा, आज गुरु नानक देव जी के पावन प्रकाश उत्सव है पूरी देश और दुनिया मे जहां भी भारत वंशी निवास कर रहे हैं वो पूरी श्रद्धा के साथ इसे श्र्द्धा के साथ मना रहे हैं
उन्होंने कहा मध्यकाल में जब विधर्मियों के आतंक से देश और धर्म संकट में था,मानवता खतरे में थी,बहन बेटियों की इज्जत सुरक्षित नहींं थी. स्वयं के अस्तित्व के लिए मानवता गुहार लगा रही थी.उस कालखंड में मानवता के कल्याण के लिए जो प्रकाश पुंज प्रकट हुआ,जिन्होंने मानवता कल्याण के लिए अपने उपदेशों के माध्यम से ,अपने जनजागरण अभियान के माध्यम से एक बड़े अभियान को अपने हाथों में लिया. उन प्रकाश पुंज को हम गुरु नानकदेव जी के नाम से जानते हैं. आज उनके प्रकाश उत्सव के अवसर पर आपको बधाई .
सिख गुरुओं का अपना एक गौरवशाली इतिहास है- सीएम योगी आदित्यनाथ
उन्होंने कहा सिख गुरुओं का अपना एक गौरवशाली इतिहास है,देश और धर्म के लिए आत्म बलिदान देने की परंपरा रही है,वो आज भी नई प्रेरणा देती है,और समाज को ऊर्जा देती है. आज व्यापक साधन है तब भी हमे एक दूसरी जगह जाने में समय लगता है,और हमे कठिनाई लगती है. लेकिन जिस समय साधन नहीं थे उस समय नानकदेव जी ने देश नहींं देश के बाहर धार्मिक उपदेश देकर मानवता कल्याण किया.
उन्होंने कहा यहां तो हम बड़े उल्लास के साथ प्रकाश पर्व मना रहे हैं. लेकिन क्या ये ननकाना साहिब में भी सम्भव हो पा रहा है. ये सोचने का विषय है,इतिहास केवल पढ़ने का विषय नहीं,इतिहास एक मार्गदर्शक होता है. इससे हमको प्रेरणा मिलती है. अतीत की गलतियों से सबक सीखने की प्रेरणा भी देता है. आखिर गुरुनानक जी का ननकाना साहिब हमसे अलग क्यों है? वहां ये पर्व मनाने के लिए स्वतंत्रता क्यो नहीं है? इसको भी सोचना चाहिए. जो भी स्वार्थ से उठकर परमार्थ के लिए देश धर्म के लिए कार्य करेगा उसका नाम इसी तरह युगों युगों तक स्मरण किया जाएगा. आज हमको यही प्रेरणा यहां लेने की आवश्यकता है,पूरे प्रदेश वासियों को हृदय से बधाई व शुभकामनाएं.