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UP: 'पराली लाओ, खाद लेकर जाओ', प्रदूषण से निपटने के लिए कानपुर देहात DM की अनोखी पहल
यूपी के कानपुर देहात में जिला प्रशासन ने एक अनोखी पहल की शुरू की है. यहां किसान एक ट्रॉली पराली गौशाला में देकर वहां से एक ट्रॉली गोबर खाद ले सकते हैं. प्रशासन ने इसे पराली दान योजना का नाम दिया है.
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Kanpur Dehat: किसानों की फसलों से निकलने वाली पराली वर्तमान में सरकार और जनता के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है. सरकार लगातार पराली जलाए जाने के बाद उससे होने वाले प्रदूषण को लेकर चिंतित है. वो इसके रोकथाम के तमाम प्रयास भी कर रही है. वहीं कानपुर देहात जिला प्रशासन ने गिव एंड टेक पॉलिसी के नाम से एक ऐसी योजना का शुभारंभ किया है, जो वायु प्रदूषण को रोकने में सहायक बन सकता है. दरअसल जिला प्रशासन ने जनपद के किसान नेताओं और किसानों से संपर्क कर उनको फसलों से निकलने वाली पराली को न जलाने का प्रस्ताव दिया. इतना ही नहीं किसान इस पराली को जनपद के तमाम गौशालाओं दान में देंगे. इसके बदले प्रशासन की तरफ से उन्हें गौशालाओं में निकलने वाली गोबर की खाद दी जाएगी.
पराली दान योजना का शुभारंभ
कानपुर देहात के जिला अधिकारी ने एक नई पहल की शुरुआत की है. इसमें किसान पराली को खेतों में जलाने के बजाय जनपद के तमाम गौशालाओं में दान करके पराली के बदले गोबर खाद को ले सकते हैं. दरअसल जनपद के किसान जब दो ट्रॉली पराली गौशालाओं को दान करेंगे तो गौशाला प्रबंधन उन किसानों को एक ट्रॉली खाद अपनी तरफ से देगा. इस तरह आदान-प्रदान कि इस प्रक्रिया से किसान अपनी पराली को जलाने के बजाय गोवंश को दान करेंगे. इससे गोवंश को चारे के रूप में पराली मिल जाएगी और इसके बदले में किसान गौशालाओं से निकलने वाली खाद को अपनी फसलों और अपने खेतों में प्रयोग करेंगे. जिलाधिकारी कानपुर देहात नेहा जैन ने जिला कलेक्ट्रेट परिसर में तमाम किसानों से अपनी पराली लेकर आने का आवाहन किया. साथ ही साथ तमाम अधिकारियों और किसानों की मौजूदगी में पराली दान योजना का शुभारंभ किया.
प्रदूषण को रोकने में सफल होगा ये प्रयास
जिलाधिकारी ने बताया कि किसानों के लिए लागू की गई इस गिव एंड टेक पॉलिसी से उनको लाभ मिलेगा. इसके साथ-साथ ये वायु प्रदूषण को रोकने के लिए एक सफल प्रयास होगा. उन्होंने बताया कि किसान अपने खेतों से पराली को गौशालाओं को दान करेंगे. बदले में गौशाला प्रबंधन उन्हें एक ट्रॉली पराली के बदले एक ट्रॉली खाद उपलब्ध कराएगा. इससे पराली जलाने की व्यवस्था भी समाप्त होगी. साथ ही साथ किसानों को अपनी फसलों के लिए मुफ्त में खाद भी उपलब्ध होगी. उन्होंने अपील की है कि इस तरह की योजनाओं को पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए. इस बाबत कलेक्ट्रेट परिसर में पहुंचे किसानों से जब हमने बात की तो उन्होंने जिलाधिकारी के इस प्रयास को काफी सफल बताया. किसान जिला प्रशासन के इस प्रयास से काफी खुश नजर आ रहे हैं.
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