UKSSSC पेपर लीक मामले में एसआईटी की जांच तेज, मुख्य आरोपी खालिद के घर पहुंची टीम
UKSSSC Paper Leak Case: पेपर लीक कांड में जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है. हरिद्वार में तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) पेपर लीक मामले में एसआईटी ने जांच तेज कर दी है. शनिवार को एसआईटी की टीम मुख्य आरोपी मोहम्मद खालिद मलिक के सुल्तानपुर गांव स्थित घर पहुंची, जहां उसके परिजनों से गहन पूछताछ की जा रही है. खालिद के घर के बाहर सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस का कड़ा पहरा तैनात है. एसआईटी टीम के साथ स्थानीय पुलिस भी मौजूद है.
जांच के क्रम में एसआईटी की टीम हरिद्वार कलेक्ट्रेट सभागार भी पहुंची, जहां परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों के साथ विशेष जन संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया. हालांकि, इस संवाद में अभ्यर्थियों की संख्या बेहद कम रही. अभ्यर्थियों और अभिभावकों में एसआईटी को लेकर कोई खास उत्साह नहीं दिखा. इस टीम का नेतृत्व एसपी देहात जया बलूनी कर रही हैं.
पेपर लीक कांड में जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है. हरिद्वार में तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट केएन तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. इसके अलावा, टिहरी जिले के अगरोड़ा कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को भी पेपर हल कर अभ्यर्थियों तक पहुंचाने में संलिप्त पाए जाने पर निलंबित किया गया. वहीं, इससे पहले बहादुरपुर जट स्थित परीक्षा केंद्र पर ड्यूटी कर रहे एसआई रोहित कुमार और कांस्टेबल ब्रह्मदत्त जोशी को भी सस्पेंड किया जा चुका है. दोनों के खिलाफ एसएसपी हरिद्वार ने कार्रवाई की और मामले की जांच सीओ रुड़की को सौंपी गई है.
खालिद ने अपनी बहन को भेजा था पेपर का फोटो
बता दें कि 21 सितंबर को हरिद्वार के आदर्श बाल इंटर कॉलेज में आयोजित परीक्षा के दौरान यह पेपर लीक मामला सामने आया था. पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि मुख्य आरोपी खालिद मलिक ने बहादुरपुर जट स्थित परीक्षा केंद्र से प्रश्नपत्र की फोटो खींचकर अपनी बहन साबिया को भेजी थी. साबिया ने यह प्रश्न टिहरी की असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन तक पहुंचाए, जिन्होंने इन्हें हल कर अभ्यर्थियों के बीच उपलब्ध कराया.
हर दोषी और लापरवाह कर्मचारी की पहचान की जाए- CM धामी
प्रदेश की धामी सरकार ने इस पूरे प्रकरण की जांच हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में गठित एसआईटी को सौंपी है. एसआईटी का लक्ष्य है कि परीक्षा प्रक्रिया में शामिल हर दोषी और लापरवाह कर्मचारी की पहचान की जाए और उन्हें सजा दिलाई जाए. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी स्पष्ट किया है कि इस मामले में दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि भविष्य की पीढ़ियों के साथ खिलवाड़ करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी.
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Source: IOCL






















