UP Politics: 'हिन्दू धर्म नहीं, बल्कि धोखा है..', स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर फिर बवाल, बढ़ा सियासी पारा
UP Politics: अपने बयानों को लेकर अक्सर विवादों में रहने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर हिन्दू धर्म को लेकर बयान दिया है, जिसे लेकर वो चर्चा में आ गए हैं.
Swami Prasad Maurya News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) पिछले काफी समय से लगातार अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं. रामचरित मानस (Ramcharitmanas) को लेकर दिए गए बयान के बाद वो लगातार हिन्दू धर्म और साधु संतों पर हमला कर रहे हैं और अब वो एक बार फिर से हिन्दू धर्म (Hindu) को लेकर दिए गए अपने बयान की वजह से विवादों में आ गए हैं. सपा नेता ने कहा कि "हिन्दू कोई धर्म नहीं ये केवल एक धोखा है."
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें स्वामी प्रसाद मौर्य हिन्दू धर्म को लेकर स्पीच देते हुए दिख रहे हैं, जिसमें उन्होंने सारी विषमताओं की वजह ब्राह्मणवाद को बताया है. उन्होंने कहा कि, "ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है. हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है. सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है."
हिन्दू धर्म को लेकर मौर्य का बयान
सपा नेता ने कहा, "अगर हिंदू धर्म होता तो आदिवासियों का भी सम्मान होता है, दलितों का भी सम्मान होता, पिछड़ों का भी सम्मान होता लेकिन क्या विडंबना है... हमारे महापुरूषों ने एक लंबा संघर्ष किया, जिसका नतीजा है कि आज हजारों साल की गुलामी से निजात पाकर हम सम्मान और स्वाभिमान के रास्ते पर चल पड़े है."
स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस दौरान राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का भी जिक्र कर दिया, कि उन्हें भी मंदिर के अंंदर जाने से रोक किया जाता है क्योंकि वो आदिवासी समाज से आती है जबकि उनके अधीन मंत्रिमंडल का एक मंत्री उनके ही सामने मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं, क्योंकि वो ऊंची जात का है. तो क्या आदिवासी समाज हिन्दू होता तो क्या उनके साथ ये व्यवहार होता.
बयानों पर अक्सर हुआ विवाद
ये पहली बार नहीं है जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिन्दुओं को लेकर इस तरह का बयान दिया हो. इससे पहले भी उन्होंने रामचरित मानस की कुछ पंक्तियों को लेकर सवाल उठाए थे और उन्हें हटाने की मांग की थी, वहीं साधु संतों को लेकर उनके बोल किसी से छुपे नहीं है. पिछले दिनों ओबीसी सम्मेलन के दौरान एक शख्स ने उनपर जूता भी उछाल दिया था, आरोपी शख्स वकील की ड्रेस में आया था, हालांकि बाद में उनके समर्थकों ने उसके साथ बुरी तरह मारपीट की थी.
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